पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपने 143 उम्मीदवारों की पूरी सूची जारी कर दी है, जिसमें पार्टी ने एक बार फिर अपने पारंपरिक 'मुस्लिम-यादव' (एम-वाई) समीकरण पर मजबूत भरोसा जताया है। यह घोषणा महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच हुई है।
तेजस्वी की अगुवाई में युवा शक्ति
पार्टी के युवा चेहरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने गढ़ राघोपुर सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 24 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, और कई मौजूदा विधायकों को दोहराया गया है। राजद ने लगभग 35 यादव उम्मीदवारों और 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो स्पष्ट रूप से पार्टी के मुख्य वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति को दर्शाता है।
राजद के 143 उम्मीदवारों की पूरी सूची
गठबंधन में 'दोस्ताना' संघर्ष
हालांकि राजद ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और अन्य दलों के साथ नारकटियागंज, सुलतानगंज, कहलगांव और सिकंदरा (अजा) जैसी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम ओवरलैप हो गए हैं। इन 'दोस्ताना' मुकाबलों पर सबकी नजर रहेगी, हालांकि उम्मीद है कि अंतिम समय में कुछ उम्मीदवार अपना नाम वापस ले लेंगे।
राजद की इस सूची ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में सत्ता विरोधी लहर और अपने सामाजिक समीकरणों पर भरोसा करते हुए सबसे बड़ी पार्टी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
तेजस्वी की अगुवाई में युवा शक्ति
पार्टी के युवा चेहरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने गढ़ राघोपुर सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे। इस सूची में 24 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है, और कई मौजूदा विधायकों को दोहराया गया है। राजद ने लगभग 35 यादव उम्मीदवारों और 18 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जो स्पष्ट रूप से पार्टी के मुख्य वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति को दर्शाता है।
राजद के 143 उम्मीदवारों की पूरी सूची
गठबंधन में 'दोस्ताना' संघर्ष
हालांकि राजद ने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और अन्य दलों के साथ नारकटियागंज, सुलतानगंज, कहलगांव और सिकंदरा (अजा) जैसी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम ओवरलैप हो गए हैं। इन 'दोस्ताना' मुकाबलों पर सबकी नजर रहेगी, हालांकि उम्मीद है कि अंतिम समय में कुछ उम्मीदवार अपना नाम वापस ले लेंगे।
राजद की इस सूची ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में सत्ता विरोधी लहर और अपने सामाजिक समीकरणों पर भरोसा करते हुए सबसे बड़ी पार्टी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।