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यूपी में RO-ARO परीक्षा के लिए खुफिया एजेंसियां मुस्तैद, पेपर लीक और सॉल्वर के लिए STF की निगरानी तेज

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अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से आयोजित 27 जुलाई को होने वाली आरओ/एआरओ परीक्षा-2023 इस बार विशेष सतर्कता और सुरक्षा के बीच पूरी होगी। योगी सरकार और आयोग ने परीक्षा को पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और नकलमुक्त बनाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी, पेपर लीक या अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकने के लिए एसटीएफ की निगरानी में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई है।



खुफिया एजेंसियों और साइबर मॉनिटरिंग टीमों को जिम्मेदारी

एसटीएफ के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों और साइबर विशेषज्ञों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। परीक्षा से पहले चिन्हित किए गए संवेदनशील केंद्रों की विशेष निगरानी की जा रही है। इसके अलावा पूर्व में परीक्षा अपराधों में शामिल रहे व्यक्तियों और सक्रिय नकल गिरोहों की पहचान कर उन पर निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। अगर ये आरोपी जमानत पर हैं तो उन पर एसटीएफ की कड़ी नजर बनी रहेगी।



सोशल मीडिया पर विशेष नजर

एसटीएफ की ओर से इस बार भी व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखी जा रही है, जहां से अफवाहें या उत्तर कुंजी लीक होने की आशंका रहती है। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल गठित की गई है, जो परीक्षा के दौरान किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित एजेंसियों को देगी। इसके साथ ही परीक्षा के दिन चिन्हित कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों पर भी एसटीएफ और प्रशासन की विशेष निगरानी रहेगी। इन संस्थानों से परीक्षा से जुड़ी किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।



परीक्षा केंद्रों पर कड़ा पहरा

परीक्षा केंद्रों पर पुलिस बल के साथ-साथ सशस्त्र सुरक्षा बल तैनात रहेगा। अभ्यर्थियों की डबल लेयर फ्रिस्किंग के साथ-साथ बायोमेट्रिक व फेस रिकग्निशन तकनीक से पहचान की व्यवस्था की गई है। परीक्षा केंद्रों में किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ डिवाइस, स्मार्टवॉच आदि के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।



गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम

वहीं पेपरों की छपाई दो अलग-अलग मुद्रकों से कराई गई है और इन्हें पांच स्तरीय टेम्पर्ड प्रूफ पैकिंग में सुरक्षित रखा गया है। परीक्षा शुरू होने से ठीक 45 मिनट पूर्व कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन के जरिए सेट का चयन होगा। इसके अलावा सीसीटीवी के माध्यम से पूरे केंद्र की निगरानी की जाएगी। जिसे आयोग और जिला प्रशासन सीधे मॉनिटर करेगा।



हर जिले में नोडल अधिकारी तैनात

हर जिले में डीएम, एसएसपी/एसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे। आयोग और एसटीएफ के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।



10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी होंगे शामिल

27 जुलाई को सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित हो रही इस परीक्षा में 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके लिए प्रदेश भर में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। सरकार की कोशिश है कि मेहनती और ईमानदार अभ्यर्थियों को पूरी तरह सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल में परीक्षा देने का अवसर मिले।



सरकार का सख्त संदेश

वहीं प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर कोई अभ्यर्थी या व्यक्ति परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग में संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।



सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नकल करने वालों और कराने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं होगा।

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