रश्मि खत्री, देहरादून: उत्तराखंड का मौसम 7 अगस्त 2025: उत्तराखंड में आज के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। अगले कुछ घंटे भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। उत्तराखंड में कुछ दिनों से बारिश का दौर जारी है। बारिश के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में हालात खराब हैं। बारिश के अलर्ट को देखते हुए दो दिन के लिए केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है। इसके साथ ही मदमहेश्वर की यात्रा पर भी रोक लगाई गई है।
पुलिस प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। हालांकि केदारनाथ यात्रा मंगलवार से अस्थाई रूप से स्थगित है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोका गया है।
केदारनाथ में मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों को अगले दो दिन तक पैदल मार्ग पर आवाजाही नहीं करने के लिए कहा गया है। वही चमोली जिले में बुधवार को फूलों की घाटी में भी पर्यटकों की आवाज चाहिए बन्द रही।
वन विभाग की टीम ने मंगलवार को फूलों की घाटी से डेढ़ सौ लोगों को रेस्क्यू किया था। गुरुवार को मौसम और स्थिति देखने के बाद ही पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी खोलने का फैसला लिया जाएगा।
उधर चमोली में ज्योर्तिमठ से लगभग 1 किलोमीटर पहले जोगी धारा के पास चट्टान से भारी बोल्डर टूटकर हाईवे पर गिर गया, जिससे बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया। बोल्डर आने से हाईवे के दोनों और लगभग 500 तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे।
लगभग 20 घंटे के बाद रास्ता खुलने पर वाहनों की आवाजाही कराई गई और यात्रा पड़ावों पर रोके गए तीर्थ यात्राओं को रवाना किया गया। उधर उत्तरकाशी के धराली में जिंदगी में बचाने के लिए जंग जारी है। सेना आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलीकॉप्टर से खोज और बचाव कार्य कर रही है।
हर्षिल में मलबे में फंसे 11 जवानों समेत 13 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। प्रशासन के अनुसार सेना के 10 जवान सहित 20 लोग अभी भी लापता है जिनकी तलाश की जा रही है।
धराली में आई आपदा के चलते दूसरे दिन भी रास्ते भूस्खलन की वजह से जगह-जगह बंद रहे। जिसकी वजह से राहत एवं बचाव कार्य में समस्या आ रही है। वहीं खीर गंगा में बार-बार आ रहे मलबे के कारण भवनों को और नुकसान पहुंचा है। यहां बने बहु मंजिला होटल और रेस्टोरेंट भी जमींदोज हो गए हैं। जबकि कई लोग मलबे में फंस गए थे।
पुलिस प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। हालांकि केदारनाथ यात्रा मंगलवार से अस्थाई रूप से स्थगित है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा को रोका गया है।
केदारनाथ में मौजूद यात्रियों और स्थानीय लोगों को अगले दो दिन तक पैदल मार्ग पर आवाजाही नहीं करने के लिए कहा गया है। वही चमोली जिले में बुधवार को फूलों की घाटी में भी पर्यटकों की आवाज चाहिए बन्द रही।
वन विभाग की टीम ने मंगलवार को फूलों की घाटी से डेढ़ सौ लोगों को रेस्क्यू किया था। गुरुवार को मौसम और स्थिति देखने के बाद ही पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी खोलने का फैसला लिया जाएगा।
उधर चमोली में ज्योर्तिमठ से लगभग 1 किलोमीटर पहले जोगी धारा के पास चट्टान से भारी बोल्डर टूटकर हाईवे पर गिर गया, जिससे बदरीनाथ हाईवे बाधित हो गया। बोल्डर आने से हाईवे के दोनों और लगभग 500 तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे।
लगभग 20 घंटे के बाद रास्ता खुलने पर वाहनों की आवाजाही कराई गई और यात्रा पड़ावों पर रोके गए तीर्थ यात्राओं को रवाना किया गया। उधर उत्तरकाशी के धराली में जिंदगी में बचाने के लिए जंग जारी है। सेना आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें हेलीकॉप्टर से खोज और बचाव कार्य कर रही है।
हर्षिल में मलबे में फंसे 11 जवानों समेत 13 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। प्रशासन के अनुसार सेना के 10 जवान सहित 20 लोग अभी भी लापता है जिनकी तलाश की जा रही है।
धराली में आई आपदा के चलते दूसरे दिन भी रास्ते भूस्खलन की वजह से जगह-जगह बंद रहे। जिसकी वजह से राहत एवं बचाव कार्य में समस्या आ रही है। वहीं खीर गंगा में बार-बार आ रहे मलबे के कारण भवनों को और नुकसान पहुंचा है। यहां बने बहु मंजिला होटल और रेस्टोरेंट भी जमींदोज हो गए हैं। जबकि कई लोग मलबे में फंस गए थे।
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