इंदौरः रक्षाबंधन के पावन पर्व पर शनिवार सुबह भगवान श्री खजराना गणेश को 14×14 फीट (196 वर्गफीट) की भव्य राखी अर्पित की गई। इसे दुनिया की सबसे बड़ी राखी होने का दावा किया जा रहा है। यह राखी फूलों, लोहे की संरचना और थर्माकोल से तैयार की गई है, जिसका कुल वजन करीब 251 किलो है।
श्री विघ्नहर्ता गणेश भक्त समिति के संस्थापक राजेश बिड़कर के अनुसार, यह लगातार नौवां वर्ष है। जब भगवान गणेश को विशेष राखी अर्पित की गई। शुरुआत में मात्र 36 वर्गफीट की राखी बनाई जाती थी। लेकिन हर साल इसका आकार बढ़ता गया। इस बार, डोर को मंदिर के चारों ओर घुमाकर बांधा गया, जो अपने आप में अनूठा दृश्य था। राखी बांधते समय वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देश की सुख-समृद्धि और वीर सैनिकों की रक्षा की कामना की गई।
10 दिनों की मेहनत से तैयार हुई राखी
इस राखी को बनाने में 15 कारीगरों ने 10 दिन तक दिन-रात मेहनत की। इंदौर और कोलकाता के विशेषज्ञ फ्लोरिस्टों ने इसमें 100 किलो से अधिक देशी-विदेशी फूलों का इस्तेमाल किया। इसमें ऑरिएंटल लिली, एंथोरियम, ऑर्किड, सूरजमुखी, कारनेशन, विक्टोरिया, जिप्सो समेत कई विशेष प्रजातियों के फूल शामिल हैं, जिन्हें बेंगलुरु, दिल्ली और पुणे से मंगवाया गया। इन फूलों की खासियत है कि 10 दिन तक इनकी ताजगी बनी रहती है।
पहली बार फूलों से बनी इतनी बड़ी राखी
फ्लोरिस्ट यथार्थ माहेश्वरी ने बताया कि उनका वर्षों से फ्लावर डेकोरेशन का अनुभव है। लेकिन इतनी बड़ी फूलों की राखी पहली बार बनाई गई। निर्माण में लोहे के एंगल, जाली और 151 मीटर रस्सी का प्रयोग किया गया।
भक्त भी जोड़ सकते हैं अपनी राखी
समिति ने बताया कि यह विशाल राखी रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी तक मंदिर में ही दर्शन के लिए रखी जाएगी। भक्त अपनी व्यक्तिगत राखी लाकर इस विशाल राखी की डोर से बांध सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर सकते हैं। इस विशेष अवसर पर राखी बांधने वाले हर भक्त को ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।
श्री विघ्नहर्ता गणेश भक्त समिति के संस्थापक राजेश बिड़कर के अनुसार, यह लगातार नौवां वर्ष है। जब भगवान गणेश को विशेष राखी अर्पित की गई। शुरुआत में मात्र 36 वर्गफीट की राखी बनाई जाती थी। लेकिन हर साल इसका आकार बढ़ता गया। इस बार, डोर को मंदिर के चारों ओर घुमाकर बांधा गया, जो अपने आप में अनूठा दृश्य था। राखी बांधते समय वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देश की सुख-समृद्धि और वीर सैनिकों की रक्षा की कामना की गई।
10 दिनों की मेहनत से तैयार हुई राखी
इस राखी को बनाने में 15 कारीगरों ने 10 दिन तक दिन-रात मेहनत की। इंदौर और कोलकाता के विशेषज्ञ फ्लोरिस्टों ने इसमें 100 किलो से अधिक देशी-विदेशी फूलों का इस्तेमाल किया। इसमें ऑरिएंटल लिली, एंथोरियम, ऑर्किड, सूरजमुखी, कारनेशन, विक्टोरिया, जिप्सो समेत कई विशेष प्रजातियों के फूल शामिल हैं, जिन्हें बेंगलुरु, दिल्ली और पुणे से मंगवाया गया। इन फूलों की खासियत है कि 10 दिन तक इनकी ताजगी बनी रहती है।
पहली बार फूलों से बनी इतनी बड़ी राखी
फ्लोरिस्ट यथार्थ माहेश्वरी ने बताया कि उनका वर्षों से फ्लावर डेकोरेशन का अनुभव है। लेकिन इतनी बड़ी फूलों की राखी पहली बार बनाई गई। निर्माण में लोहे के एंगल, जाली और 151 मीटर रस्सी का प्रयोग किया गया।
भक्त भी जोड़ सकते हैं अपनी राखी
समिति ने बताया कि यह विशाल राखी रक्षाबंधन से लेकर जन्माष्टमी तक मंदिर में ही दर्शन के लिए रखी जाएगी। भक्त अपनी व्यक्तिगत राखी लाकर इस विशाल राखी की डोर से बांध सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर सकते हैं। इस विशेष अवसर पर राखी बांधने वाले हर भक्त को ऑनलाइन सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा।
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