पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने देश के परमाणु हथियारों को यूरोप में कहीं और तैनात करने का प्रस्ताव दिया है। मैक्रों ने कहा है कि वह फ्रांस के परमाणु हथियारों की यूरोप के किसी दूसरे देश में संभावित तैनाती पर चर्चा के लिए तैयार हैं। फ्रांस के चैनल TF! के साथ एक इंटरव्यू में मंगलवार शाम को ये बात कही। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि अमेरिका पहले से यूरोप में परमाणु सशस्त्र विमान तैनात कर रहा है। मैक्रों ने कहा, अमेरिका के पास बेल्जिम, जर्मनी, इटली और तुर्की में विमानों में बम है। मैक्रों की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब रूस को लेकर यूरोप में सुरक्षा चिंता बढ़ी है। एटमी हथियारों पर मैक्रों का प्लानउन्होंने कहा, 'मैं आने वाले हफ्तों और महीनों में बहुत ही विशिष्ट तरीके से रूपरेखा को परिभाषित करूंगा।' मैक्रों ने साफ किया कि फ्रांस की परमाणु छतरी का दूसरे यूरोपीय देशों में कोई भी विस्तार शर्तों के अधीन होगा। मैक्रों ने जोर देकर कहा कि फ्रांस दूसरों की सुरक्षा के लिए खुद को कमजोर नहीं करेगा और इसकी अपनी रक्षा क्षमताएं पूरी तरह से बरकरार रहनी चाहिए। मैक्रों ने यह भी कहा कि परमाणु हथियारों के उपयोग पर अंतिम नियंत्रण पूरी तरह से फ्रांसीसी राष्ट्रपति के पास रहेगा। फ्रांस के पास कितने परमाणु हथियार?फ्रांस परमाणु हथियार रखने वाला यूरोपीय संघ का इकलौता देश है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में फ्रांस के पास 280 परमाणु हथियार थे। फ्रांस के पास परमाणु हथियारों को पनडुब्बियों से स्वतंत्र रूप से लॉन्च करने और जेट से गिराने की क्षमता है। ब्रिटेन के पास भी परमाणु हथियार हैं, लेकिन देश का ट्राइडेंट परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम अमेरिकी प्रणाली से निकटता से जुड़ा है और रखरखाव के लिए अमेरिका पर निर्भर है। जर्मनी और दूसरे देशों ने दिखाई दिलचस्पीमैक्रों ने मार्च में यूरोपीय सहयोगियों के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा था कि कैसे फ्रांसीसी हथियार यूरोप की रक्षा में मदद कर सकते हैं। कई यूरोपीय नेताओं को लगता है कि रूसी खतरे की चिंताओं के बीच अब यूरोप की सुरक्षा के लिए अमेरिका की परमाणु प्रतिबद्धता पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने भी अपने देश में फ्रांसीसी परमाणु हथियारों की मेजबानी में रुचि दिखाई है। जर्मन सैन्य एयरबसे पर पहले से ही 20 अमेरिकी परमाणु हथियार तैनात हैं। पोलैंड, डेनमार्क और लिथुआनिया ने पिछले महीनों में कहा है कि वे ऐसी संभावना के लिए खुले हैं। तीसरे विश्वयुद्ध पर दिया बयानमैक्रों ने इंटरव्यू के दौरान मॉस्को से तनाव को लेकर सावधानी बरती। उन्होंने कहा कि फ्रांस यूक्रेन में रूस के युद्ध को लेकर 'तीसरा विश्व युद्ध' नहीं छेड़ना चाहता। मैक्रों ने कहा, 'हमें यूक्रेन को अपनी रक्षा करने में मदद करनी चाहिए, लेकिन हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं छेड़ना चाहते।' उन्होंने कहा, 'युद्ध अवश्य समाप्त होना चाहिए और यूक्रेन को वार्ता के लिए सर्वोत्तम संभव स्थिति में होना चाहिए।' फ्रांस के प्रस्ताव पर भड़का रूसफ्रांसीसी राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर रूस भड़क गया है। फ्रांस के प्रस्ताव की आलोचना करते हुए रूस ने बुधवार को कहा कि इस कदम से महाद्वीप की सुरक्षा में कोई वृद्धि नहीं होगी। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मीडिया से कहा, यूरोपीय महाद्वीप पर परमाणु हथियारों का प्रसार कुछ ऐसा है, जो महाद्वीप में सुरक्षा, पूर्वानुमान या स्थिरता नहीं जोड़ेगा।
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