नवीन निश्चल, हरीनगर : जामताड़ा के रहने वाले जिस साइबर ठग को पश्चिमी जिला के साइबर थाना की पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया था उसे 7 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ की गई। ठगी के पूरे कनेक्शन के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। उसके बाद कोर्ट ने अब उसे जेल भेज दिया है। आरोपी की पहचान सनाउल मियां के तौर पर हुई थी। इस मामले में सनाउल मियां से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस और भी कई लोगों को गिरफ्तार करने वाली है।
ऐसे करता था पूरा खेल
पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला है कि वह ज्यादा से ज्यादा फर्जीवाड़ा करने के लिए अपने फर्जी कस्टमर केयर नंबर का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करता था। लोगों तक ज्यादा पहुंचाने के लिए और जब लोग गूगल पर सर्च करें तो उसका नंबर ज्यादा दिखे इसके लिए कई लाख रुपये तक खर्च करता था। जिसकी वजह से कई बार आधिकारिक कस्टमर केयर की डिटेल नीचे और इसका नंबर ऊपर सर्च में आता था। क्योंकि सरकारी बैंक ज्यादा इस तरह के नंबर को लेकर प्रचार प्रसार पर खर्च नहीं करते हैं। लेकिन ऐसे ठग ज्यादा खर्च करके अपने नंबर को ऊपर रखते हैं।
पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा
जैसे ही लोग किसी भी बैंक से या और किसी भी कस्टमर केयर को लेकर सर्च करते तो इसका नंबर वहां पर दिखता और लोग गलती से उसके संपर्क करके ठगी का शिकार हो जाते। जैसा वेस्ट दिल्ली के रहने वाले एक बुजुर्ग के साथ हुआ था, जिसमें उनसे 15 लाख रुपये ठग लिए गए। डीसीपी वेस्ट विचित्र वीर के निर्देश पर एसएचओ साइबर विकास बुलडक की टीम ने फिर फर्जी बैंक मैनेजर बनकर लोगों की मदद के बदले ठगी करने वाले सलाउल मियां को गिरफ्तार किया था। उसको पुलिस ने सात दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।
ऐसी ठगी से कैसे बचें, बस अपनाएं ये टिप्स
पुलिस का कहना है कि जब भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें तो जो 180 से शुरू हो उस पर विश्वास किया जा सकता है। लेकिन जिसमें डायरेक्टर मोबाइल नंबर आ जाए, उसकी सत्यता की जांच करने के बाद ही उससे संपर्क करें। क्योंकि ऐसे काफी मामले आ चुके हैं, जिसमें मोबाइल नंबर कस्टमर केयर का रहता है और लोग उससे संपर्क करने के बाद फंसकर मोटी कमाई गंवा देते हैं।
ऐसे करता था पूरा खेल
पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला है कि वह ज्यादा से ज्यादा फर्जीवाड़ा करने के लिए अपने फर्जी कस्टमर केयर नंबर का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करता था। लोगों तक ज्यादा पहुंचाने के लिए और जब लोग गूगल पर सर्च करें तो उसका नंबर ज्यादा दिखे इसके लिए कई लाख रुपये तक खर्च करता था। जिसकी वजह से कई बार आधिकारिक कस्टमर केयर की डिटेल नीचे और इसका नंबर ऊपर सर्च में आता था। क्योंकि सरकारी बैंक ज्यादा इस तरह के नंबर को लेकर प्रचार प्रसार पर खर्च नहीं करते हैं। लेकिन ऐसे ठग ज्यादा खर्च करके अपने नंबर को ऊपर रखते हैं।
पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा
जैसे ही लोग किसी भी बैंक से या और किसी भी कस्टमर केयर को लेकर सर्च करते तो इसका नंबर वहां पर दिखता और लोग गलती से उसके संपर्क करके ठगी का शिकार हो जाते। जैसा वेस्ट दिल्ली के रहने वाले एक बुजुर्ग के साथ हुआ था, जिसमें उनसे 15 लाख रुपये ठग लिए गए। डीसीपी वेस्ट विचित्र वीर के निर्देश पर एसएचओ साइबर विकास बुलडक की टीम ने फिर फर्जी बैंक मैनेजर बनकर लोगों की मदद के बदले ठगी करने वाले सलाउल मियां को गिरफ्तार किया था। उसको पुलिस ने सात दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।
ऐसी ठगी से कैसे बचें, बस अपनाएं ये टिप्स
पुलिस का कहना है कि जब भी कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें तो जो 180 से शुरू हो उस पर विश्वास किया जा सकता है। लेकिन जिसमें डायरेक्टर मोबाइल नंबर आ जाए, उसकी सत्यता की जांच करने के बाद ही उससे संपर्क करें। क्योंकि ऐसे काफी मामले आ चुके हैं, जिसमें मोबाइल नंबर कस्टमर केयर का रहता है और लोग उससे संपर्क करने के बाद फंसकर मोटी कमाई गंवा देते हैं।
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