पंकज मिश्रा, हमीरपुरः उत्तर प्रदेश की हमीरपुर जिला जेल में एक बंदी की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में डिप्टी जेलर और वार्डन सस्पेंड़ होने के बाद अब जेलर भी निलम्बन की कार्रवाई की गई है। इस घटना को लेकर दो दिन तक यहां बवाल मचा रहा। परिजनों की डिमांड पर जेलर समेत सात कर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला भी कोतवाली में लिखा जा चुका है। जिला मजिस्ट्रेट ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराए जाने की तैयारी भी की है।
उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को जेल में बंदी अनिल द्विवेदी की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने से परिजनों ने ग्रामीणों के साथ यहां जेल के बाहर रोड जाम कर हंगामा काटा था। देर शाम शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव छोड़कर घर लौट गए थे। मृतक बंदी की पत्नी पूजा और उसके परिवार वालों ने एलान किया था जब तक जेल के पूरे स्टाफ पर एफआईआर नहीं दर्ज होती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों के उग्र तेवर देख प्रशासन के अधिकारी और भाजपा नेता परिजनों के घर पहुंचकर मनाने की कोशिशें की लेकिन परिजन दोषी लोगों पर मुकदमा लिखने, नौकरी के साथ आवास और मुआवजा की मांग पर अड़े रहे।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी मृतक बंदी की पत्नी से फोन पर बात कर हर संभव मदद देने का भरोसा दिया था। चौबीस घंटे बाद किसी तरह से परिजनों को यहां हमीरपुर समझाकर लाया गया। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर कोतवाली में आनन-फानन मुकदमा दर्ज किया गया। एफआईआर में जेलर केपी चण्डिला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, कान्सटेबिल अनिल यादव, लम्बरदार दीपक, दिलीप, शफी मुहम्मद, राइटर विनय सिंह व अन्य अज्ञात आरोपियों पर हत्या, जबरन वसूली करने और अपराध छिपाने की साजिश की धाराएं भी लगाई गई है।
परिजनों की मांग पर बंदी की पत्नी को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद, एक आश्रित को संविदा में नौकरी देने, विधवा पेंशन के साथ मृतक बंदी के मासूम बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रशासन ने ले ली है। इसके साथ ही शासन से आर्थिक सहायता दिलाए जाने की सिफारिश भी की गई है। बता दे कि सूरजपुर गांव निवासी अनिल द्विवेदी (33) दलित उत्पीड़न के दस साल पुराने मामले में पांच दिन पहले जेल गया था। लेकिन तीसरे ही दिन उसे जेल में पीट-पीटकर मार डाला गया था।
बंदी की हत्या में जेलर समेत तीन कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई
जेल में बंदी अनिल की हत्या के मामले में रिटायर्ड डीआईजी एवं अखिल भारतीय़ ब्राम्हण एकता परिषद के संस्थापक जुगुल किशोर तिवारी की पहल पर जेल प्रशासन पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पिछले दिनों से इस घटना को लेकर बवाल मचा रहा। दोषियों पर कार्रवाई न होने से शव का अंतिम संस्कार न करने की जिद पर परिजन अड़े रहे। जिससे शासन ने अब यहां के जेलर केपी चण्डिला को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले जिला जेल के डिप्टी जेलर और वार्डन को निलम्बित किए गए है।
डीआईजी ने जेल में शुरू की जांच, बंदियों से भी मिले
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में जिला कारागार में एक बंदी की पिटाई से हुई मौत के मामले में अब शासन ने जांच के निर्देश दिए है। मंगलवार को डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव ने हमीरपुर आकर जिला जेल में बंदी अनिल की कथित हत्या के मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बंदियों से भी इस घटना को लेकर पूछताछ की है। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे है। डीआईजी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच जनपद न्यायाधीश के नेतृत्व में कराने का फैसला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को जेल में बंदी अनिल द्विवेदी की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या किए जाने से परिजनों ने ग्रामीणों के साथ यहां जेल के बाहर रोड जाम कर हंगामा काटा था। देर शाम शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजन शव छोड़कर घर लौट गए थे। मृतक बंदी की पत्नी पूजा और उसके परिवार वालों ने एलान किया था जब तक जेल के पूरे स्टाफ पर एफआईआर नहीं दर्ज होती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों के उग्र तेवर देख प्रशासन के अधिकारी और भाजपा नेता परिजनों के घर पहुंचकर मनाने की कोशिशें की लेकिन परिजन दोषी लोगों पर मुकदमा लिखने, नौकरी के साथ आवास और मुआवजा की मांग पर अड़े रहे।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी मृतक बंदी की पत्नी से फोन पर बात कर हर संभव मदद देने का भरोसा दिया था। चौबीस घंटे बाद किसी तरह से परिजनों को यहां हमीरपुर समझाकर लाया गया। मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर कोतवाली में आनन-फानन मुकदमा दर्ज किया गया। एफआईआर में जेलर केपी चण्डिला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, कान्सटेबिल अनिल यादव, लम्बरदार दीपक, दिलीप, शफी मुहम्मद, राइटर विनय सिंह व अन्य अज्ञात आरोपियों पर हत्या, जबरन वसूली करने और अपराध छिपाने की साजिश की धाराएं भी लगाई गई है।
परिजनों की मांग पर बंदी की पत्नी को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद, एक आश्रित को संविदा में नौकरी देने, विधवा पेंशन के साथ मृतक बंदी के मासूम बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रशासन ने ले ली है। इसके साथ ही शासन से आर्थिक सहायता दिलाए जाने की सिफारिश भी की गई है। बता दे कि सूरजपुर गांव निवासी अनिल द्विवेदी (33) दलित उत्पीड़न के दस साल पुराने मामले में पांच दिन पहले जेल गया था। लेकिन तीसरे ही दिन उसे जेल में पीट-पीटकर मार डाला गया था।
बंदी की हत्या में जेलर समेत तीन कर्मियों पर बड़ी कार्रवाई
जेल में बंदी अनिल की हत्या के मामले में रिटायर्ड डीआईजी एवं अखिल भारतीय़ ब्राम्हण एकता परिषद के संस्थापक जुगुल किशोर तिवारी की पहल पर जेल प्रशासन पर बड़ी कार्रवाई की गई है। पिछले दिनों से इस घटना को लेकर बवाल मचा रहा। दोषियों पर कार्रवाई न होने से शव का अंतिम संस्कार न करने की जिद पर परिजन अड़े रहे। जिससे शासन ने अब यहां के जेलर केपी चण्डिला को सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले जिला जेल के डिप्टी जेलर और वार्डन को निलम्बित किए गए है।
डीआईजी ने जेल में शुरू की जांच, बंदियों से भी मिले
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में जिला कारागार में एक बंदी की पिटाई से हुई मौत के मामले में अब शासन ने जांच के निर्देश दिए है। मंगलवार को डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव ने हमीरपुर आकर जिला जेल में बंदी अनिल की कथित हत्या के मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बंदियों से भी इस घटना को लेकर पूछताछ की है। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले जा रहे है। डीआईजी ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच जनपद न्यायाधीश के नेतृत्व में कराने का फैसला किया गया है।
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