नई दिल्ली: WWE हॉल ऑफ फेमर बिल गोल्डबर्ग का सपना था कि वह अपना रिटायरमेंट मैच इजराइल में करें। वह अपनी यहूदी विरासत को सम्मान देना चाहते थे। लेकिन गाजा और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष और ईरान के साथ हाल ही में बढ़े तनाव के कारण सुरक्षा चिंताएं थीं। इसलिए यह मैच रद्द कर दिया गया और कहीं और आयोजित किया गया।
आखिरी मुकाबले में मिली हार
58 साल के गोल्डबर्ग का यह आखिरी मैच तेल अवीव में होने वाला था। गोल्डबर्ग ने कहा कि वह अपने धर्म के लिए कुछ भी करेंगे। उनका सपना था कि उनका रिटायरमेंट मैच इजराइल में हो। लेकिन हालात ठीक नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। यह मैच अटलांटा में 12 जुलाई को हुआ। इसमें गोल्डबर्ग, गुंथर से WWE का नया वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप हार गए। गोल्डबर्ग का सफर फुटबॉल के मैदान से शुरू होकर रेसलिंग एरीना तक पहुंचा। यह उनकी हिम्मत, बदलाव और पहचान की कहानी है।
फुटबॉलर से रेसलर बनने तक का सफर
गोल्डबर्ग का बचपन अमेरिका के तुलसा, ओक्लाहोमा में बीता। उन्होंने हाई स्कूल में फुटबॉल खेला। वह यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया में भी फुटबॉल खेले। वहां उन्होंने अपनी ताकत और मेहनत से पहचान बनाई। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने NFL के अटलांटा फाल्कन्स के साथ करार किया। उन्होंने 14 मैच खेले। लेकिन पेल्विक में चोट लगने के कारण उनका फुटबॉल करियर जल्दी खत्म हो गया।
चोट लगने के बाद गोल्डबर्ग पर्सनल ट्रेनर बन गए। उनकी बॉडी को देखकर लैरी शार्प नाम के एक रेसलिंग ट्रेनर ने उन्हें रेसलिंग करने के लिए कहा। शार्प को गोल्डबर्ग में ताकत और एथलेटिक्स नजर आया। गोल्डबर्ग ने शार्प की बात मानी और उनके रेसलिंग स्कूल मॉन्स्टर फैक्ट्री में ट्रेनिंग शुरू कर दी।
1990 के दशक में गोल्डबर्ग बहुत मशहूर हो गए। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप रेसलिंग (WCW) में 173-0 की रिकॉर्ड जीत से फेमस हुए। वह अपनी ताकत और तेजी के लिए जाने जाते थे। गोल्डबर्ग 2003 में WWE में शामिल हुए। वहां भी उन्होंने खूब नाम कमाया। 2018 में उन्हें WWE हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। फुटबॉल में चोट लगने से गोल्डबर्ग का करियर खत्म हो गया। लेकिन इससे उन्हें रेसलिंग में आने का मौका मिला।
आखिरी मुकाबले में मिली हार
58 साल के गोल्डबर्ग का यह आखिरी मैच तेल अवीव में होने वाला था। गोल्डबर्ग ने कहा कि वह अपने धर्म के लिए कुछ भी करेंगे। उनका सपना था कि उनका रिटायरमेंट मैच इजराइल में हो। लेकिन हालात ठीक नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो सका। यह मैच अटलांटा में 12 जुलाई को हुआ। इसमें गोल्डबर्ग, गुंथर से WWE का नया वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप हार गए। गोल्डबर्ग का सफर फुटबॉल के मैदान से शुरू होकर रेसलिंग एरीना तक पहुंचा। यह उनकी हिम्मत, बदलाव और पहचान की कहानी है।
फुटबॉलर से रेसलर बनने तक का सफर
गोल्डबर्ग का बचपन अमेरिका के तुलसा, ओक्लाहोमा में बीता। उन्होंने हाई स्कूल में फुटबॉल खेला। वह यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया में भी फुटबॉल खेले। वहां उन्होंने अपनी ताकत और मेहनत से पहचान बनाई। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने NFL के अटलांटा फाल्कन्स के साथ करार किया। उन्होंने 14 मैच खेले। लेकिन पेल्विक में चोट लगने के कारण उनका फुटबॉल करियर जल्दी खत्म हो गया।
चोट लगने के बाद गोल्डबर्ग पर्सनल ट्रेनर बन गए। उनकी बॉडी को देखकर लैरी शार्प नाम के एक रेसलिंग ट्रेनर ने उन्हें रेसलिंग करने के लिए कहा। शार्प को गोल्डबर्ग में ताकत और एथलेटिक्स नजर आया। गोल्डबर्ग ने शार्प की बात मानी और उनके रेसलिंग स्कूल मॉन्स्टर फैक्ट्री में ट्रेनिंग शुरू कर दी।
1990 के दशक में गोल्डबर्ग बहुत मशहूर हो गए। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप रेसलिंग (WCW) में 173-0 की रिकॉर्ड जीत से फेमस हुए। वह अपनी ताकत और तेजी के लिए जाने जाते थे। गोल्डबर्ग 2003 में WWE में शामिल हुए। वहां भी उन्होंने खूब नाम कमाया। 2018 में उन्हें WWE हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया। फुटबॉल में चोट लगने से गोल्डबर्ग का करियर खत्म हो गया। लेकिन इससे उन्हें रेसलिंग में आने का मौका मिला।
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