मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार का एक्शन लगातार जारी है। एसटीएफ मेरठ यूनिट ने सोमवार रात मुरादाबाद में एक लाख के इनामी आसिफ टिड्ढा और 50 हजारी दीनू को मार गिराया। इन दोनों ने मुरादाबाद के एक प्रॉपर्टी कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी। साथ ही उस पर जानलेवा हमला भी किया था। दोनों पर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में 90 मुकदमे दर्ज हैं। एनकाउंटर के दौरान मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल और एसटीएफ के एएसपी ब्रजेश सिंह के बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली जा धंसी।
आसिफ टिड्डा और दीनू ने मुरादाबाद पुलिस की नाक में दम कर रखा था। प्रॉपर्टी कारोबारी हाजी जफर को टिड्डा गैंग ने फोन पर धमकी देकर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। ना देने पर हत्या करने की धमकी भी दी थी। आसिफ टिड्डा खुद हाजी जफर के ऑफिस पहुंचा और हथियारों के बल पर दो लाख रुपये और अन्य सामान लूटकर भाग गया था। इस साल सितंबर को हाजी जफर के घर पर आसिफ टिड्ढा गैंग ने फायरिंग भी की थी।
पिता के मौत के बाद बनाया टिड्डा गैंगकुख्यात बदमाश आसिफ उर्फ टिड्डा मूल रूप से गाजियाबाद जिले के गांव कलछीना का रहने वाला था। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। आठवीं तक पढ़ा टिड्डा बचपन से ही अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया था। पिता की मौत के बाद वह परिवार को लेकर मेरठ के रसीद नगर में रहने लगा। वहां उसने अपने जैसे कुछ और लड़कों के साथ मिलकर एक गैंग बनाया और लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने लगा। 2005 में ब्रह्मपुरी थाने में उसके खिलाफ चोरी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।
टिड्डा के ऊपर यूपी, दिल्ली और हरियाणा में 65 मुकदमेएसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि आसिफ टिड्डा और उसके गैंग ने मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में लूट, हत्या, डकैती, हमला जैसी दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया था। 2013 में मेरठ पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी। वर्तमान में उसके खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज थे।
दीनू मेरठ का रहने वाला थावहीं, मुठभेड़ में ढेर हुआ दूसरा आरोपी दीनू मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खिवाई का रहने वाला था। वह भी 2007 से अपराध की दुनिया में उतरा और आसिफ के गैंग से जुड़ गया था। सरुरपुर थाने में 2009 में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। आरोपी दीनू मुजफ्फरनगर में मार्च 2020 में डकैती और अपहरण के बाद हत्या करने की वारदात में शामिल था।
आसिफ टिड्डा और दीनू ने मुरादाबाद पुलिस की नाक में दम कर रखा था। प्रॉपर्टी कारोबारी हाजी जफर को टिड्डा गैंग ने फोन पर धमकी देकर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। ना देने पर हत्या करने की धमकी भी दी थी। आसिफ टिड्डा खुद हाजी जफर के ऑफिस पहुंचा और हथियारों के बल पर दो लाख रुपये और अन्य सामान लूटकर भाग गया था। इस साल सितंबर को हाजी जफर के घर पर आसिफ टिड्ढा गैंग ने फायरिंग भी की थी।
पिता के मौत के बाद बनाया टिड्डा गैंगकुख्यात बदमाश आसिफ उर्फ टिड्डा मूल रूप से गाजियाबाद जिले के गांव कलछीना का रहने वाला था। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। आठवीं तक पढ़ा टिड्डा बचपन से ही अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया था। पिता की मौत के बाद वह परिवार को लेकर मेरठ के रसीद नगर में रहने लगा। वहां उसने अपने जैसे कुछ और लड़कों के साथ मिलकर एक गैंग बनाया और लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने लगा। 2005 में ब्रह्मपुरी थाने में उसके खिलाफ चोरी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।
टिड्डा के ऊपर यूपी, दिल्ली और हरियाणा में 65 मुकदमेएसएसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि आसिफ टिड्डा और उसके गैंग ने मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर समेत उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में लूट, हत्या, डकैती, हमला जैसी दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया था। 2013 में मेरठ पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी थी। वर्तमान में उसके खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज थे।
दीनू मेरठ का रहने वाला थावहीं, मुठभेड़ में ढेर हुआ दूसरा आरोपी दीनू मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खिवाई का रहने वाला था। वह भी 2007 से अपराध की दुनिया में उतरा और आसिफ के गैंग से जुड़ गया था। सरुरपुर थाने में 2009 में उसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। आरोपी दीनू मुजफ्फरनगर में मार्च 2020 में डकैती और अपहरण के बाद हत्या करने की वारदात में शामिल था।
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