नई दिल्ली: आंखों के इलाज और सर्जरी के लिए भले ही दिल्ली में पर्याप्त आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं, लेकिन आंखों की जांच और चश्मे के नंबर की जांच करने वाले आई स्पेशलिस्ट ( Opthalmologist ) की भारी कमी है। हालात यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर 0.85% की तुलना में दिल्ली में मात्र 45% ऑप्टोमेट्रिस्ट हैं। एम्स ने देश भर में आंखों के इलाज के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर किए गए अपनी सर्वे में यह दावा किया है। एम्स का कहना है कि इस कमी को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार के साथ हर प्रकार का
सहयोग करने को तैयार है।
दिल्ली में लगभग 1085 हैं आई स्पेशलिस्टएम्स के कम्युनिटी ऑप्थल्मोलॉजी विभाग के डॉ. प्रवीण वशिष्ठ वशिष्ठ ने बताया कि दिल्ली में लगभग 1085 आई स्पेशलिस्ट (Opthalmologist) हैं। जो कि 18 हजार की आबादी पर एक है, जबकि देश भर में 50 हजार पर एक आई स्पेशलिस्ट पूरे का टारगेट रखा गया है। दिल्ली में 249 आई इंस्टिट्यूट है, लेकिन ऑप्टोमेट्रिस्ट की संख्या मात्र 489 है। यह बहुत बड़ी कमी है। क्योंकि देश देश में में ऑप्टोमेो ऑप्टोमेट्रिस्ट की संख्या 0.85% है। यहां उससे भी कम है।
दिल्ली सरकार के पास लगभग 270 डिस्पेंसरियां हैडॉक्टर प्रवीण बताया कि गाइडलाइंस के अनुसार, एक आई स्पेशलिस्ट के साथ तीन ऑप्टोमेट्रिस्ट ने टेक्नीशियन की जरूरत होती है। यहां पर दो आई स्पेशलिस्ट पर एक ऑप्टोमेट्रिस्ट है। दिल्ली की हर सरकारी डिस्पेंसरी में इनकी जरूरत है। जिन्हें आंखों के इलाज और सर्जरी की जरूरत है, उन्हें प्राइवेट स्तर पर इलाज मिल रहा है, लेकिन जिन्हें समय पर आंख की जांच, चश्मे के नंबर की जांच की जरूरत पड़ रही है, उन्हें दिक्कत हो रही है। यानी कैट्रेक्ट की सर्जरी तो हो रही है, लेकिन चश्मे की जरूरत की कमी दूर नहीं हो पा रही है। डॉ. प्रवीण ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास लगभग 270 डिस्पेंसरियां हैं और सभी में ऑप्टोमेट्रिस्ट की जरूरत है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार को इनकी भर्तियां करनी चाहिए। एम्स इन्हें ट्रेनिंग देने, मैनेजमेंट आदि के लिए सहयोग को तैयार हैं। यह काम सबसे जरूरी है। आई केयर समय की डिमांड है।
'चश्मे की दुकान पर हों ऑप्टोमेट्रिस्ट'डॉ. प्रवीण ने कहा, उनकी सरकार से मांग है कि जिस प्रकार केमिस्ट शॉप पर फार्मासिस्ट अनिवार्य है, इसके बिना लाइसेंस नहीं मिलता है। ठीक इसी प्रकार चश्मे की दुकान खोलने के लिए भी ऑप्टोमेट्रिस्ट अनिवार्य कर देना चाहिए, ताकि चश्मे की दुकान पर जो जांच करे, वह सही जांच हो। वहां एक्सपर्ट हों, ताकि कोई गलत इलाज न हो। अभी हमें ज्यादा से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट टेक्नीशियन की जरूरत है, इसके लिए बेहतर प्रयास किए जाएं।
सहयोग करने को तैयार है।
दिल्ली में लगभग 1085 हैं आई स्पेशलिस्टएम्स के कम्युनिटी ऑप्थल्मोलॉजी विभाग के डॉ. प्रवीण वशिष्ठ वशिष्ठ ने बताया कि दिल्ली में लगभग 1085 आई स्पेशलिस्ट (Opthalmologist) हैं। जो कि 18 हजार की आबादी पर एक है, जबकि देश भर में 50 हजार पर एक आई स्पेशलिस्ट पूरे का टारगेट रखा गया है। दिल्ली में 249 आई इंस्टिट्यूट है, लेकिन ऑप्टोमेट्रिस्ट की संख्या मात्र 489 है। यह बहुत बड़ी कमी है। क्योंकि देश देश में में ऑप्टोमेो ऑप्टोमेट्रिस्ट की संख्या 0.85% है। यहां उससे भी कम है।
दिल्ली सरकार के पास लगभग 270 डिस्पेंसरियां हैडॉक्टर प्रवीण बताया कि गाइडलाइंस के अनुसार, एक आई स्पेशलिस्ट के साथ तीन ऑप्टोमेट्रिस्ट ने टेक्नीशियन की जरूरत होती है। यहां पर दो आई स्पेशलिस्ट पर एक ऑप्टोमेट्रिस्ट है। दिल्ली की हर सरकारी डिस्पेंसरी में इनकी जरूरत है। जिन्हें आंखों के इलाज और सर्जरी की जरूरत है, उन्हें प्राइवेट स्तर पर इलाज मिल रहा है, लेकिन जिन्हें समय पर आंख की जांच, चश्मे के नंबर की जांच की जरूरत पड़ रही है, उन्हें दिक्कत हो रही है। यानी कैट्रेक्ट की सर्जरी तो हो रही है, लेकिन चश्मे की जरूरत की कमी दूर नहीं हो पा रही है। डॉ. प्रवीण ने कहा कि दिल्ली सरकार के पास लगभग 270 डिस्पेंसरियां हैं और सभी में ऑप्टोमेट्रिस्ट की जरूरत है। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार को इनकी भर्तियां करनी चाहिए। एम्स इन्हें ट्रेनिंग देने, मैनेजमेंट आदि के लिए सहयोग को तैयार हैं। यह काम सबसे जरूरी है। आई केयर समय की डिमांड है।
'चश्मे की दुकान पर हों ऑप्टोमेट्रिस्ट'डॉ. प्रवीण ने कहा, उनकी सरकार से मांग है कि जिस प्रकार केमिस्ट शॉप पर फार्मासिस्ट अनिवार्य है, इसके बिना लाइसेंस नहीं मिलता है। ठीक इसी प्रकार चश्मे की दुकान खोलने के लिए भी ऑप्टोमेट्रिस्ट अनिवार्य कर देना चाहिए, ताकि चश्मे की दुकान पर जो जांच करे, वह सही जांच हो। वहां एक्सपर्ट हों, ताकि कोई गलत इलाज न हो। अभी हमें ज्यादा से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट टेक्नीशियन की जरूरत है, इसके लिए बेहतर प्रयास किए जाएं।
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