नई दिल्ली: एयर इंडिया ने अपने बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज्म की छानबीन पूरी कर ली है। 12 जून को अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद एयर इंडिया ने अपने स्तर पर इस तरह की जांच शुरू की थी। यह जांच डीजीसीए के सुरक्षा निर्देशों के अनुसार की गई है। एयर इंडिया के एक प्रवक्ता के मुताबिक उसकी ओर से की गई जांच में लॉकिंग मैकेनिज्म में कोई समस्या नहीं पाई गई है। एयर इंडिया ने डीजीसीए से मिले औपचारिक निर्देशों से भी पहले 12 जुलाई से ही स्वैच्छिक निरीक्षण शुरू कर दिया था और इसे समय-सीमा के अंदर पूरा कर लिया। एयर इंडिया की ओर से इसकी जानकारी डीजीसीए को दे दी गई है।
विमानों के सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर उठे हैं सवाल
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज होस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की जान चली गई और जमीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए। विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रही है। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट आने और उससे पहले से भी विमानन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
'स्विच लॉकिंग सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं मिली'
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद हादसाग्रस्त विमान एआई-171 बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन फेल होने को उसके फ्यूल कंट्रोल स्विच मेकेनिज्म से जोड़ा जा रहा है। ब्लैक बॉक्स से दोनों पायलटों के बीच बातचीत जो डिकोड की गई है, उसमें एक पायलट दूसरे से कह रहा है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद क्यों किया? इसके जवाब में दूसरे पायलट ने कहा कि उसने फ्यूल कंट्रोल स्विच नहीं बंद किया है। अब एयर इंडिया ने फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच के बाद कहा है,एयर इंडिया ने अपने सारे बोइंग 787- बोइंग 737 विमानों की जांच पूरी कर ली है। यह जांच फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग सिस्टम को लेकर की गई। कंपनी ने सावधानी बरतते हुए यह कार्रवाई की। जांच में स्विच लॉकिंग सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं मिली।
डीजीसीए ने भी स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच को कहा
12 जुलाई को एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने दो दिन बाद ही यानी 14 जुलाई को एक निर्देश जारी किया था,जिसमें सभी विमान कंपनियों को फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने को कहा गया था। एयर इंडिया लंबी दूरी की उड़ानों के लिए बोइंग-787 ट्विन-ऑइल जेट का इस्तेमाल करती है। जबकि, कम लागत वाली उसी की एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग- 737 सिंगल-ऑइल जेट चलाती है।
विमानों के सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर उठे हैं सवाल
12 जून को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज होस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की जान चली गई और जमीन पर मौजूद 19 लोग भी मारे गए। विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रही है। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट आने और उससे पहले से भी विमानन क्षेत्र में सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
'स्विच लॉकिंग सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं मिली'
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद हादसाग्रस्त विमान एआई-171 बोइंग-787 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजन फेल होने को उसके फ्यूल कंट्रोल स्विच मेकेनिज्म से जोड़ा जा रहा है। ब्लैक बॉक्स से दोनों पायलटों के बीच बातचीत जो डिकोड की गई है, उसमें एक पायलट दूसरे से कह रहा है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद क्यों किया? इसके जवाब में दूसरे पायलट ने कहा कि उसने फ्यूल कंट्रोल स्विच नहीं बंद किया है। अब एयर इंडिया ने फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच के बाद कहा है,एयर इंडिया ने अपने सारे बोइंग 787- बोइंग 737 विमानों की जांच पूरी कर ली है। यह जांच फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग सिस्टम को लेकर की गई। कंपनी ने सावधानी बरतते हुए यह कार्रवाई की। जांच में स्विच लॉकिंग सिस्टम में कोई दिक्कत नहीं मिली।
डीजीसीए ने भी स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच को कहा
12 जुलाई को एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने दो दिन बाद ही यानी 14 जुलाई को एक निर्देश जारी किया था,जिसमें सभी विमान कंपनियों को फ्यूल कंट्रोल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करने को कहा गया था। एयर इंडिया लंबी दूरी की उड़ानों के लिए बोइंग-787 ट्विन-ऑइल जेट का इस्तेमाल करती है। जबकि, कम लागत वाली उसी की एयर इंडिया एक्सप्रेस बोइंग- 737 सिंगल-ऑइल जेट चलाती है।
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