भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को रोकने के लिए बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने में पिछड़ रही है, जबकि पार्टी नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। राज्य की 230 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल 37 में ही बीएलए नियुक्त किए गए हैं, जबकि आठ नवंबर तक सभी बूथों पर एजेंटों की नियुक्ति और सूची जमा करने की समय सीमा है। इन एजेंटों का काम मतदाता सत्यापन के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के साथ घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करना और दावा-आपत्ति दर्ज कराना है।
चुनाव हारने के बाद उठाया मुद्दा
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू किया था। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किए जाने पर पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया था। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'वोट चोर-गद्दी छोड़' अभियान चलाया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस भी इस अभियान में पीछे नहीं रही और उसने विधानसभा स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर प्रशिक्षण भी दिया।
तीन महीने से निर्देश दे रहे महामंत्री
हालांकि, जिन बीएलए को जमीनी स्तर पर काम करना है, उनकी नियुक्ति अभी तक पूरी नहीं हुई है। संगठन महामंत्री संजय कामले तीन महीने से लगातार निर्देश दे रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर आठ नवंबर तक बीएलए नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने इस बार बीएलए की फोटो भी मांगी है ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके।
बीजेपी इस मामले में आगे
भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकतर बूथों पर एजेंट नियुक्त कर सूची आयोग को भेज दी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले इंदौर में भी नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं। भोपाल में केवल मध्य क्षेत्र की सूची प्राप्त हुई है। एसआईआर के तहत मतदाताओं की पहचान के लिए चार नवंबर से घर-घर सर्वे शुरू होगा, जो चार दिसंबर तक चलेगा। इस सर्वे में बीएलए की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
चुनाव हारने के बाद उठाया मुद्दा
कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू किया था। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किए जाने पर पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया था। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'वोट चोर-गद्दी छोड़' अभियान चलाया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस भी इस अभियान में पीछे नहीं रही और उसने विधानसभा स्तर पर प्रभारी नियुक्त कर प्रशिक्षण भी दिया।
तीन महीने से निर्देश दे रहे महामंत्री
हालांकि, जिन बीएलए को जमीनी स्तर पर काम करना है, उनकी नियुक्ति अभी तक पूरी नहीं हुई है। संगठन महामंत्री संजय कामले तीन महीने से लगातार निर्देश दे रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला प्रभारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर आठ नवंबर तक बीएलए नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। निर्वाचन आयोग ने इस बार बीएलए की फोटो भी मांगी है ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित हो सके।
बीजेपी इस मामले में आगे
भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकतर बूथों पर एजेंट नियुक्त कर सूची आयोग को भेज दी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह जिले इंदौर में भी नियुक्तियां अभी तक नहीं हुई हैं। भोपाल में केवल मध्य क्षेत्र की सूची प्राप्त हुई है। एसआईआर के तहत मतदाताओं की पहचान के लिए चार नवंबर से घर-घर सर्वे शुरू होगा, जो चार दिसंबर तक चलेगा। इस सर्वे में बीएलए की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
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