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Wedding Season: कल से थोक में बजेंगी शहनाई, 46 लाख शादियों से बाजार को मिलेगा ₹6.5 लाख करोड़ का कारोबार

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नई दिल्ली: कल यानी एक नवंबर 2025 को देवोत्थान एकादशी है। इसी दिन से शादी-ब्याह का शुभ लगन शुरू हो जाता है। इस बार एक नवंबर से 14 नवंबर तक शादी का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है। छोटे कारोबारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की अनुसंधान शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी (CRTDS) ने अनुमान लगाया है कि आगामी शादी के सीजन के दौरान देशभर में लगभग 46 लाख शादियां होंगी। इनसे बाजार में करीब 6.50 लाख करोड़ रुपये का का कारोबार होगा।

वेडिंग इकॉनकी मजबूत स्तंभकैट के महामंत्री एवं दिल्ली में चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह व्यापक अध्ययन 15 से 25 अक्टूबर 2025 के बीच देश के 75 प्रमुख शहरों में किया गया था। अध्ययन से पता चला कि भारत की “वेडिंग इकॉनमी” (Wedding Economy) घरेलू व्यापार का एक मजबूत स्तंभ बनी हुई है। यह परंपरा, आधुनिकता और आत्मनिर्भरता का संगम है। इससे न सिर्फ बाजार को बल मिलता है बल्कि गांव-समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों को भी रोजगार का अवसर पर प्रदान करता है।

शादियों का खर्च बढ़ गया हैउन्होंने बताया कि इस वर्ष भी इस सीजन में शादियों की संख्या लगभग पिछले वर्ष के बराबर है। लेकिन इस वर्ष प्रति शादी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सोना-चांदी का इस समय दाम काफी बढ़ा हुआ है। इसके अलावा परिधान भी महंगे हुए हैं। पार्टी का खर्च तो बढ़ा हुआ है ही, मैरिज हॉल का भी किराया चढ़ गया है। तभी तो औसत शादी का खर्च पांच से 10 लाख रुपये तक पहुंच गया है।

किन-किन चीजों पर होता है खर्चखंडेलवाल का कहना है कि ₹6.5 लाख करोड़ के अनुमानित शादी खर्च में से वस्त्र एवं साड़ियां 10%, आभूषण 15%, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स 5%, सूखे मेवे एवं मिठाई 5%, किराना एवं सब्जियां 5%, गिफ्ट आइटम 4%, अन्य सामान की 6% हिस्सेदारी होगी। वहीं सेवाओं के क्षेत्र में इवेंट मैनेजमेंट 5%, कैटरिंग 10%, फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी 2%, यात्रा व आतिथ्य 3%, पुष्प सजावट 4%, म्यूजिकल ग्रुप्स 3%, लाइट एंड साउंड 3% तथा अन्य सेवाएँ 3% योगदान देंगी।

दिल्ली में कितनी शादीउनका कहना है कि इस सीजन के दौरान दिल्ली में 4.8 लाख शादियां होंगी। इनसे करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने का अनुमान है। इसमें सबसे अधिक खर्च आभूषण, फैशन और वेन्यू पर होगा। राजस्थान और गुजरात में लग्जरी एवं डेस्टिनेशन वेडिंग्स का चलन बढ़ रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश और पंजाब में पारंपरिक सजावट और कैटरिंग पर भारी खर्च देखा जा रहा है। महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में इवेंट मैनेजमेंट और बैंक्वेट सेवाओं की मांग बढ़ी है। दक्षिणी राज्यों में हेरिटेज और मंदिर में शादियों के कारण पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है।

इससे पहले शादी का खर्च कितनाकैट के आंकड़ों के अनुसार साल 2024 में इस सीजन के दौरान 48 लाख शादियां हुई थीं। इन शादियों से 5.90 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। इससे एक साल पहले, यानी 2023 में इस सीजन के दौरान करीब 23 लाख शादियां हुई थी। इन शादियों से 4.74 लाख करोड़ रुपये का बाजार को समर्थन मिला था। इससे एक साल पहले यानी साल 2022 में 32 लाख शादियों से ₹3.75 लाख करोड़ का कारोबार हुआ था।


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