लखनऊः उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। वहीं अगले वर्ष होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सीटों के आरक्षण का मामला शासन में लंबित है। चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव पंचायती राज निदेशालय से काफी पहले शासन को भेजा जा चुका है। हालांकि, शासन की ओर से अब तक आयोग के गठन को लेकर कोई पहल नहीं की गई है। चर्चा है कि राज्य सरकार 2021 के चुनाव में तय आरक्षण के आधार पर ही 2026 का चुनाव करवाने की तैयारी में है।
आयोग के गठन पर फैसला
आगामी त्रिस्तरीय चुनावों के मद्देनजर ग्राम पंचायतों, ग्राम पंचायत वॉडों, क्षेत्र पंचायत वॉडों और जिला पंचायत वाँडों के पुनर्गठन का काम पूरा हो चुका है। चुनाव में पहले सीटों का आरक्षण होना है, जिसमें ओबीसी सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए नियमानुसार समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन होगा।
तीन महीने बाद भी पहल नहीं
पंचायती राज निदेशालय के मुताबिक, समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव करीब तीन महीने पहले ही शासन को भेज दिया गया था। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद शासन आयोग का गठन करेगा। लेकिन, अब तक इस प्रस्ताव को कोई पहले शासन की ओर से नहीं हुई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो गठन के बाद आयोग को रिपोर्ट तैयार करने में तीन से चार महीने लगेंगे।
कब होंगे पंचायत चुनाव
चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव अगले वर्ष 2026 में 25 मई से पहले करवाने हैं। फरवरी-मार्च में आचार संहिता लागू करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी यही प्रयास है कि पंचायत चुनाव समय से सम्पन्न करवा लिए जाएं।
इन चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही राजनीतिक दलों के करीब माने जाने वाले जिला पंचायत सदस्यों को चुना जाना है। यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इसलिए भी बहुत अहम है, क्योंकि वर्ष 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव है।
आयोग के गठन पर फैसला
आगामी त्रिस्तरीय चुनावों के मद्देनजर ग्राम पंचायतों, ग्राम पंचायत वॉडों, क्षेत्र पंचायत वॉडों और जिला पंचायत वाँडों के पुनर्गठन का काम पूरा हो चुका है। चुनाव में पहले सीटों का आरक्षण होना है, जिसमें ओबीसी सीटों के आरक्षण का फार्मूला तय करने के लिए नियमानुसार समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन होगा।
तीन महीने बाद भी पहल नहीं
पंचायती राज निदेशालय के मुताबिक, समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव करीब तीन महीने पहले ही शासन को भेज दिया गया था। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद शासन आयोग का गठन करेगा। लेकिन, अब तक इस प्रस्ताव को कोई पहले शासन की ओर से नहीं हुई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो गठन के बाद आयोग को रिपोर्ट तैयार करने में तीन से चार महीने लगेंगे।
कब होंगे पंचायत चुनाव
चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव अगले वर्ष 2026 में 25 मई से पहले करवाने हैं। फरवरी-मार्च में आचार संहिता लागू करने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी यही प्रयास है कि पंचायत चुनाव समय से सम्पन्न करवा लिए जाएं।
इन चुनावों में ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही राजनीतिक दलों के करीब माने जाने वाले जिला पंचायत सदस्यों को चुना जाना है। यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव इसलिए भी बहुत अहम है, क्योंकि वर्ष 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव है।
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