नई दिल्ली : राहुल गांधी के वोट चोरी के सनसनीखेज आरोपों के बाद से विपक्ष चुनाव आयोग और केंद्र में सत्ता में काबिज बीजेपी पर हमलावर है। राहुलल गांधी ने जिस तरह से दस्तावेजों के आधार पर वोट चोरी की बात कही है उससे कई सवाल उठ रहे हैं। इस बीच राजनीतिक विश्लेषक और स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने भी चुनाव आयोग को लेकर लगाए गए आरोपों पर चिंता जताई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि आयोग को इस पूरे मामले की जांच करनी चाहिए।
...तो लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा
योगेंद्र यादव ने कहा कि1977 से चुनाव देख रहा हूं। 35 साल से चुनाव पर लिख और बोल रहा हूं। शिकायतें और आरोप बहुत देखे, लेकिन बिना ठोस प्रमाण कभी कुछ नहीं कहा। उन्होंने का कहा कि कल पहली बार, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लाखों पन्नों के दस्तावेज़ों पर आधारित पुख़्ता सबूत रखा-एक विधानसभा में 1 लाख फ़र्ज़ी वोटर! अगर यह पूरे देश में हो रहा है तो चुनाव और लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा?
जांच की बजाय धमकी क्यों?
योगेंद्र यादव ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक के बाद बिहार में भी SIR के नाम पर मतदाता सूची से डकैती। चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए थी, उल्टा विपक्ष को धमका रहा है। देश को सच पता लगेगा और सब याद रखा जाएगा। योगेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों पर जांच करने के बजाय चुनाव आयोग की धमकी भरी प्रतिक्रिया उनके 'संदेहों' की 'पुष्टि' करती है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि वह दशकों से भारत की चुनावी प्रक्रिया का बचाव करते रहे हैं। साथ ही दुनिया को भारत के चुनाव आयोग से सीखने की सलाह देते रहे हैं लेकिन राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत सबूत तस्वीर बदल रहे हैं।
राहुल ने 5 तरीकों का किया था जिक्र
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आयोग बीजेपी के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। उन्होंने पांच प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। वहीं, बीजेपी ने राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। इसकेे साथ ही अन्य लोगों ने भी इन दावों पर जवाब मांगा है।
...तो लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा
योगेंद्र यादव ने कहा कि1977 से चुनाव देख रहा हूं। 35 साल से चुनाव पर लिख और बोल रहा हूं। शिकायतें और आरोप बहुत देखे, लेकिन बिना ठोस प्रमाण कभी कुछ नहीं कहा। उन्होंने का कहा कि कल पहली बार, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लाखों पन्नों के दस्तावेज़ों पर आधारित पुख़्ता सबूत रखा-एक विधानसभा में 1 लाख फ़र्ज़ी वोटर! अगर यह पूरे देश में हो रहा है तो चुनाव और लोकतंत्र का क्या अर्थ रह जाएगा?
1977 से चुनाव देख रहा हूँ, 35 साल से चुनाव पर लिख और बोल रहा हूँ। शिकायतें और आरोप बहुत देखे, लेकिन बिना ठोस प्रमाण कभी कुछ नहीं कहा।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) August 8, 2025
कल पहली बार, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी(@RahulGandhi) ने लाखों पन्नों के दस्तावेज़ों पर आधारित पुख़्ता सबूत रखा — एक विधानसभा में 1 लाख फ़र्ज़ी… pic.twitter.com/YJBq5HFuvR
जांच की बजाय धमकी क्यों?
योगेंद्र यादव ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक के बाद बिहार में भी SIR के नाम पर मतदाता सूची से डकैती। चुनाव आयोग को जांच करनी चाहिए थी, उल्टा विपक्ष को धमका रहा है। देश को सच पता लगेगा और सब याद रखा जाएगा। योगेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों पर जांच करने के बजाय चुनाव आयोग की धमकी भरी प्रतिक्रिया उनके 'संदेहों' की 'पुष्टि' करती है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि वह दशकों से भारत की चुनावी प्रक्रिया का बचाव करते रहे हैं। साथ ही दुनिया को भारत के चुनाव आयोग से सीखने की सलाह देते रहे हैं लेकिन राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत सबूत तस्वीर बदल रहे हैं।
राहुल ने 5 तरीकों का किया था जिक्र
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आयोग बीजेपी के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। उन्होंने पांच प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। वहीं, बीजेपी ने राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। इसकेे साथ ही अन्य लोगों ने भी इन दावों पर जवाब मांगा है।
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