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'बिहार शिक्षक भर्ती नियमों की समीक्षा करे NCTE' संसदीय पैनल ने जताई चिंता, STET को लेकर मचा है बवाल

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देश के कई राज्यों में शिक्षक भर्ती नियमों के चलते मुकदमेबाजी बढ़ रही है। संसदीय पैनल ने भर्ती संबंधी कानूनी जटिलताओं के बारे में चिंता व्यक्त की है। शिक्षा पर संसदीय स्थायी समिति ने 8 अगस्त को राज्यसभा में पेश की गई 368वीं रिपोर्ट में कहा है कि नए शिक्षकों की योग्यता विभिन्न राज्य सरकारों के ऐसे भर्ती नियमों के मुताबिक नहीं होनी चाहिए, जिनसे मुकदमेबाजी हो सकती है। समिति ने नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) को नियमों की समीक्षा करने को कहा है।



तैयार हों भर्ती के नियम

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि NCTE को राज्य सरकारों सहित विभिन्न पक्षों के साथ चर्चा करनी चाहिए। साथ ही एनसीटीई के ड्राफ्ट रेगुलेशंस 2025 की समीक्षा करनी होगी। मुकदमेबाजी से बचने के लिए रेगुलेशंस को विभिन्न राज्यों के भर्ती नियमों के साथ जोड़ा जाए। गाइडलाइंस के मुताबिक राज्यों में भर्ती नियमों को तैयार किया जाए। दरअसल समिति का मानना है कि राज्यों के शिक्षक भर्ती नियमों में पारदर्शिता हो और एनसीटीई की यह जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षक भर्ती के लिए होने वाली प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।



बिहार में इन दिनों हो रहा है हंगामा

बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर हंगामा चल रहा है। सोमवार को एसटीईटी (STET) परीक्षा की मांग को लेकर राजधानी पटना में को हजारों कैंडिडेट्स ने प्रदर्शन किया। बिहार के विभिन्न जिलों से आए कैंडिडेट सुबह पटना कॉलेज में जुटे, जहां से उनका मार्च शुरू हुआ।



यह सभी अभ्यर्थी TRE-4 भर्ती परीक्षा से पहले एसटीईटी आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा, जिसे BPSC TRE के नाम से भी जाना जाता है, बिहार राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है।

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