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Direct Tax Collection: सरकार की तिजोरी में 'पैसों का सैलाब'... कहां से आए ये 12.92 लाख करोड़ रुपये?

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नई दिल्ली: सरकार की तिजोरी में बंपर पैसा आया है। चालू वित्त वर्ष में अब तक डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन में सात फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी कॉरपोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन में उछाल और रिफंड जारी करने की धीमी रफ्तार के कारण संभव हुई है। इस अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.92 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा हो गया है।

एक अप्रैल से 10 नवंबर के बीच सरकार ने पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी कम रिफंड जारी किए हैं। रिफंड की यह दर 2.42 लाख करोड़ रुपये से थोड़ी ज्‍यादा रही। इस वजह से सरकार के पास अधिक पैसा जमा हुआ है।

क‍ितना कॉरपोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन?
इस दौरान, शुद्ध कॉरपोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन लगभग 5.37 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 5.08 लाख करोड़ रुपये था। यह दर्शाता है कि कंपनियों ने इस साल ज्यादा टैक्‍स भरा है।


व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) जैसे गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है। चालू वित्त वर्ष में अब तक यह कलेक्‍शन लगभग 7.19 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 6.62 लाख करोड़ रुपये था।

सिक्‍योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स (एसटीटी) से होने वाली आय में मामूली गिरावट आई है। समीक्षाधीन अवधि में एसटीटी संग्रह 35,682 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इसी अवधि में 35,923 करोड़ रुपये था।


क्‍या कह रहे हैं एक्‍सपर्ट?
डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने इस आंकड़े पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह दिखाता है कि पिछले साल ब्याज दरों में भारी कटौती के बावजूद गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह में जबरदस्‍त बढ़ोतरी जारी है। उन्होंने कहा, 'यह एक बहुत अच्छा संकेत है, जो आय स्तर में मजबूत बढ़ोतरी को दर्शाता है।' इसका मतलब है कि लोगों की आय बढ़ रही है और वे ज्यादा कर भर रहे हैं।

यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे सरकार को विकास कार्यों के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा। कॉरपोरेट जगत और आम नागरिकों दोनों की ओर से कर भुगतान में यह बढ़ोतरी देश की आर्थिक मजबूती को दर्शाती है।
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