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'माफी मांगे कांग्रेस...इतिहास से भाग नहीं सकती..': देश बंटवारे पर एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल के पक्ष में बीजेपी

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नई दिल्ली: बीजेपी ने एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल का समर्थन किया है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने देश के बंटवारा के लिए सीधे तौर पर तीन को जिम्मेदार ठहराया है- कांग्रेस, मोहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन और कहा है कि इन तथ्यों से कोई भाग नहीं सकता। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल को लेकर भड़की हुई है तो बीजेपी ने देश के बंटवारे के लिए पूरी तरह से उसे जिम्मेदार ठहराकर मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि कांग्रेस ने तब भी तुष्टिकरण के लिए देश विभाजित कराया था और आज भी तुष्टिकरण करने में लगी हुई है।



'कांग्रेस समेत बंटवारे के लिए तीन जिम्मेदार'

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि 'हमें बंटवारे पर एनसीईआरटी के स्पेशल मॉड्यूल के बारे में पता चला है, लेकिन हम तथ्यों से भाग नहीं सकते...तथ्य ये है कि बंटवारे के समय शीर्ष पर कौन थे...वह मुस्लीम लीग थी, नेहरू की अगुवाई वाली कांग्रेस, माउंटबेटन और ये विभाजन को रोक सकते थे...मुस्लीम लीग या कांग्रेस कोई भी। विभाजन के पक्ष में नेहरू के तो कई सारे बयान हैं, तो उस समय पर सत्ता की लालच और तुष्टिकरण की राजनीति में जो गलत कदम उठाए गए, उसका दंश भारत आज भी झेल रहा है।'



'कांग्रेस पार्टी इतिहास से भागना चाहती है'

उन्होंने कहा कि '..इसकी वजह से उस समय भी लाखों लोग मारे गए..करोड़ों लोग विस्थापित हुए, हजारों के साथ बलात्कार हुए। आज उसी वजह से विभाजन विभीषिका की स्मृति भी हम मनाते हैं तो कांग्रेस उसका विरोध करती है। कांग्रेस इतिहास से भागना चाहती है...जब उसके लिए सुविधाजनक नहीं होता...वरना कांग्रेस तो इतिहास में ही रहती है...इतिहास की ही बात करती है, लेकिन जब इतिहास की पूरी पिक्चर दिखाई जाती है तो कांग्रेस भाग जाती है....कांग्रेस पार्टी आज भी सच का सामना नहीं करना चाहती। कांग्रेस पार्टी को माफी मांगनी चाहिए, जिस तरह से उन्होंने लोगों को बांटा है...'



'राहुल गांधी और जिन्ना की सोच एक जैसी'

उधर बीजेपी के एक और प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा है, 'एनसीईआरटी ने पुस्तकों में कुछ बदलाव किए हैं और बंटवारे की सच्चाई को शामिल किया है। उन सच्चाइयों के सामने आने से राहुल-जिन्ना पार्टी बहुत ही ज्यादा परेशान है। राहुल गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना की सोच एक जैसी है...भारत को धर्म के आधार पर विभाजित किया गया और तुष्टिकरण वाली जिन्ना की जहरीली सोच राहुल गांधी और आज की कांग्रेस पार्टी में भी देखी जा सकती है...। '



देश विभाजन के तीन किरदार कौन?

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनसीईआरटी ने मिडिल और सेकेंडरी स्कूलों के लिए पुस्तकों के जो मॉड्यूल बनाए हैं, उसमें बताया गया है,'भारत का विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना किसी भी हिसाब से अपरिहार्य नहीं था।' इसमें आगे यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान के निर्माण की तीन वजहें थीं, 'जिन्ना जिन्होंने इसकी मांग की, कांग्रेस, जिसने इसे स्वीकार किया और माउंटबेटन जिसने इसे औपचारिक बनाया और लागू करवाया।'



विभाजन की भयावह थी विभीषिका

सेकेंडरी की पुस्तकों में की गई टिप्पणी के अनुसार उस समय 'किसी भी भारतीय नेता को राष्ट्रीय या प्रदेश के प्रशासन, सेना, पुलिस जैसे महकमें को चलाने का अनुभव नहीं था। इस वजह से उन्हें स्वाभाविक तौर पर पैदा होने वाली बड़ी चुनौतियों का कोई अंदाजा नहीं था। नहीं तो इतनी जल्दबाजी नहीं की गई होती। इसमें विभाजन के बारे यह भी बताया गया है कि अप्रत्याशित इंसानी त्रासदी जिसकी दुनिया के इतिहास में कोई तुलना नहीं है..... 'करीब 1.5 करोड़ लोगों के विस्थापन, सामूहिक कत्लेआम, बड़े पैमाने पर यौन हिंसा' और शरणार्थी से भरी ट्रेनों का हवाला देते हुए कहा गया है कि वे 'केवल लाशों से भरी थीं, जिन्हें रास्ते में ही मार डाला गया था।'(एजेंसी इनपुट के साथ)



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