नई दिल्ली: अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास 12 जून को क्रैश हुई एयर इंडिया की लंदन के गैटविक जाने वाली फ्लाइट AI-171 की शुरुआती जांच रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 15 पेज की रिपोर्ट में 13 पॉइंट्स को हाईलाइट किया है। रिपोर्ट में क्रैश की वजह प्लेन के टेक ऑफ होने के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों को तेल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ यानी ऑफ मोड में चले जाना बताया गया है।
टेकऑफ के एक सेकंड के बाद ऐसा हुआ और दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रुक गई थी। AAIB की अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की उम्मीद है। हादसे में 260 लोग मारे गए थे। यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में बोइंग 787 प्लेन में खराब फ्यूल स्विच की चेतावनी दी थी। एक रिपोर्ट में FAA ने 2018 के विशेष एयरवर्थनेस सूचना बुलेटिन (एसएआईबी) का हवाला दिया है, जिसमें बोइंग 787 विमान में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग की खराबी की चेतावनी दी गई थी।
इंजन चालू हुआ, पर पर्याप्त पावर नहीं दे सकाटेकऑफ के बाद प्लेन ने अधिकतम गति 180 नॉट्स IAS हासिल की। इसके एक सेकेंड बाद ही पहले इंजन- 1 और तुरंत इंजन- 2 को फ्यूल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ स्थिति में चले गए थे। हालांकि, दोनों इंजन बंद होने के बाद पायलटों ने इन्हें चालू करने की कोशिश की थी, जिसमें करीब 10 सेकंड बाद इंजन- 1 का फ्यूल स्विच अपनी कटऑफ स्थिति से 'रन' में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन- 2 भी 'रन' स्थिति में आ गया था। इतने टाइम में इंजन 1 ही चालू हो पाया, जबकि इंजन 2 प्लेन को पर्याप्त हाइट देने लायक पावर पैदा नहीं कर पाया था। CCTV फुटेज से पता चलता है कि एयरक्राफ्ट के ' रैम एयर टर्बाइन' (RAT) नामक 'बैकअप' पावर सोर्स भी बाहर निकल गया था, जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।
क्या होता है फ्यूल स्विच?हर तरह का एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले पायलटों का कहना है कि हवाई जहाज का फ्यूल कंट्रोल स्विच कार के गियर जैसा नहीं होता है। इसमें लीवर को ऊपर उठाकर उसे आगे-पीछे किया जाता है। ऐसा हल्के से छूने या खींचने से नहीं हो सकता है। पायलट्स के बीच की रेकॉर्डिंग से जाहिर है कि प्लेन के पायलट ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया होगा। पायलट ने Mayday कॉल भी की थी।
'मौसम की खराबी और बर्ड हिट नहींAAIB ने हादसे की जगह ड्रोन फोटोग्राफी और विडियोग्राफी आदि भी की। रिपोर्ट में बताया गया कि प्लेन के 'एपीयू फिल्टर' और बाएं पंख के 'जेट्टिसन वॉल्व' से बहुत ही सीमित मात्रा में फ्यूल के नमूने लिए जा सके। सैंपल की जांच एक ऐसी प्रयोगशाला में की जाएगी, जहां इतनी कम मात्रा में टेस्ट संभव हो। हालांकि DGCA की लैब में सैंपल की जांच संतोषजनक बताई गई। एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रहा है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहा है।
प्लेन हादसे की जांच की फाइनल रिपोर्टयूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में एक रिपोर्ट में विशेष एयरवर्थनेस सूचना बुलेटिन ( एसएआईबी) का हवाला दिया है, जिसमें बोइंग 787 विमान ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग की खराबी की चेतावनी दी गई थी। AAIB रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने जरूरी निरीक्षण नहीं किया, क्योंकि यह अनिवार्य नहीं, बल्कि सलाहकारी था। रिकॉर्ड बताते हैं कि एनबी में 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल रिप्लेसमेंट हुआ, जो फ्यूल कंट्रोल स्विच की खराबी से नहीं जुड़ा था और 2023 के बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच में कोई और खराबी दर्ज नहीं की गई।
टेकऑफ के एक सेकंड के बाद ऐसा हुआ और दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई रुक गई थी। AAIB की अंतिम रिपोर्ट 12 जून 2026 तक आने की उम्मीद है। हादसे में 260 लोग मारे गए थे। यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में बोइंग 787 प्लेन में खराब फ्यूल स्विच की चेतावनी दी थी। एक रिपोर्ट में FAA ने 2018 के विशेष एयरवर्थनेस सूचना बुलेटिन (एसएआईबी) का हवाला दिया है, जिसमें बोइंग 787 विमान में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग की खराबी की चेतावनी दी गई थी।
इंजन चालू हुआ, पर पर्याप्त पावर नहीं दे सकाटेकऑफ के बाद प्लेन ने अधिकतम गति 180 नॉट्स IAS हासिल की। इसके एक सेकेंड बाद ही पहले इंजन- 1 और तुरंत इंजन- 2 को फ्यूल सप्लाई करने वाले फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ स्थिति में चले गए थे। हालांकि, दोनों इंजन बंद होने के बाद पायलटों ने इन्हें चालू करने की कोशिश की थी, जिसमें करीब 10 सेकंड बाद इंजन- 1 का फ्यूल स्विच अपनी कटऑफ स्थिति से 'रन' में चला गया और उसके चार सेकंड बाद इंजन- 2 भी 'रन' स्थिति में आ गया था। इतने टाइम में इंजन 1 ही चालू हो पाया, जबकि इंजन 2 प्लेन को पर्याप्त हाइट देने लायक पावर पैदा नहीं कर पाया था। CCTV फुटेज से पता चलता है कि एयरक्राफ्ट के ' रैम एयर टर्बाइन' (RAT) नामक 'बैकअप' पावर सोर्स भी बाहर निकल गया था, जो इंजन से बिजली की कमी का संकेत देता है।
क्या होता है फ्यूल स्विच?हर तरह का एयरक्राफ्ट उड़ाने वाले पायलटों का कहना है कि हवाई जहाज का फ्यूल कंट्रोल स्विच कार के गियर जैसा नहीं होता है। इसमें लीवर को ऊपर उठाकर उसे आगे-पीछे किया जाता है। ऐसा हल्के से छूने या खींचने से नहीं हो सकता है। पायलट्स के बीच की रेकॉर्डिंग से जाहिर है कि प्लेन के पायलट ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया होगा। पायलट ने Mayday कॉल भी की थी।
'मौसम की खराबी और बर्ड हिट नहींAAIB ने हादसे की जगह ड्रोन फोटोग्राफी और विडियोग्राफी आदि भी की। रिपोर्ट में बताया गया कि प्लेन के 'एपीयू फिल्टर' और बाएं पंख के 'जेट्टिसन वॉल्व' से बहुत ही सीमित मात्रा में फ्यूल के नमूने लिए जा सके। सैंपल की जांच एक ऐसी प्रयोगशाला में की जाएगी, जहां इतनी कम मात्रा में टेस्ट संभव हो। हालांकि DGCA की लैब में सैंपल की जांच संतोषजनक बताई गई। एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि वह नियामकों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रहा है और जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। बोइंग ने भी एक बयान में कहा कि वह जांच में सहयोग कर रहा है।
प्लेन हादसे की जांच की फाइनल रिपोर्टयूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने 2018 में एक रिपोर्ट में विशेष एयरवर्थनेस सूचना बुलेटिन ( एसएआईबी) का हवाला दिया है, जिसमें बोइंग 787 विमान ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग की खराबी की चेतावनी दी गई थी। AAIB रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया ने जरूरी निरीक्षण नहीं किया, क्योंकि यह अनिवार्य नहीं, बल्कि सलाहकारी था। रिकॉर्ड बताते हैं कि एनबी में 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल रिप्लेसमेंट हुआ, जो फ्यूल कंट्रोल स्विच की खराबी से नहीं जुड़ा था और 2023 के बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच में कोई और खराबी दर्ज नहीं की गई।
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