नोएडा: ‘पुष फॉर पोषण–ए कलेक्टिव मूवमेंट फॉर न्यूट्रिशन’ सम्मेलन का समापन एक सशक्त संदेश के साथ हुआ। भारत के पोषण तंत्र को मजबूत बनाने के लिए लोगों में खाद्य साक्षरता बढ़ाने और आहार में विविधता लाने की आवश्यकता है। राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शनिवार को सम्मेलन राइज़ अगेंस्ट हंगर इंडिया ने द गुड साइट वेबज़ीन और पॉडकास्ट के सहयोग से आयोजित किया। इसमें नोएडा के लोगों ने भी शिरकत की।
मुख्य अतिथि डॉ. सुब्बाराव एम. गवरावरापु, प्रमुख– न्यूट्रिशन इंफॉर्मेशन, कम्युनिकेशन एंड हेल्थ एजुकेशन (NICHE) डिवीजन, आईसीएमआर–नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि खाद्य साक्षरता किसी भी समाज की पोषण सुरक्षा की नींव है। उन्होंने कहा कि खाद्य साक्षरता वह समझ है, जो व्यक्ति, परिवार और समुदायों को अपने भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने और समय के साथ सुधारने की शक्ति देती है। यदि हमें लंबे समय तक स्वस्थ और टिकाऊ रहना है, तो आहार में विविधता को हर पोषण नीति का मूल हिस्सा बनाना होगा।
इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा, सामाजिक उत्तरदायित्व और जमीनी संगठनों से जुड़े कई विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने इस बात पर चर्चा की कि भारत के विकास और प्रगति के केंद्र में पोषण को कैसे रखा जा सकता है। राइज अगेंस्ट हंगर इंडिया के सीईओ डोला मोहापात्रा ने कहा ने कि पुष फॉर पोषण केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है, जो लोगों, विचारों और नवाचारों को जोड़कर एक स्वस्थ और भूख-मुक्त भारत की दिशा में काम कर रहा है।
द गुड साइट के संस्थापक असित श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मेलन अब हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, ताकि पोषण और खाद्य प्रणाली पर सामूहिक संवाद को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि हर साल नए विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं के जुड़ने से यह मंच राष्ट्रीय स्तर पर पोषण के क्षेत्र में सहयोग और कार्रवाई का प्रमुख केंद्र बनेगा।
सम्मेलन में तीन प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें जीवन के विभिन्न चरणों में पोषण, खाद्य प्रणाली, जलवायु और स्थायित्व और पोषण पारितंत्र को आकार देने वाले नवाचार। वक्ताओं ने पोषण, लैंगिक समानता, जलवायु परिवर्तन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंधों पर चर्चा की। साथ ही फोर्टिफिकेशन, बायोफोर्टिफिकेशन और पोषण नीतियों में मानसिक स्वास्थ्य एकीकरण जैसे उभरते समाधानों पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 15 से अधिक विशेषज्ञों ने अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाएं साझा कीं। आयोजकों के अनुसार, सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य (SDG)–2: शून्य भूख (Zero Hunger) की दिशा में साझेदारी और सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाना है। राइज़ अगेंस्ट हंगर इंडिया ने पिछले एक दशक में 4 करोड़ से अधिक भोजन परोसे हैं और खाद्य सुरक्षा व आजीविका कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 38 लाख लोगों तक पहुंचा है। वहीं, द गुड साइट वेबज़ीन और पॉडकास्ट, जो सामाजिक क्षेत्र में बदलाव लाने वाले लोगों की कहानियां प्रस्तुत करता है, दुनिया के प्रमुख गैर-लाभकारी पॉडकास्ट्स में शामिल है।
मुख्य अतिथि डॉ. सुब्बाराव एम. गवरावरापु, प्रमुख– न्यूट्रिशन इंफॉर्मेशन, कम्युनिकेशन एंड हेल्थ एजुकेशन (NICHE) डिवीजन, आईसीएमआर–नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि खाद्य साक्षरता किसी भी समाज की पोषण सुरक्षा की नींव है। उन्होंने कहा कि खाद्य साक्षरता वह समझ है, जो व्यक्ति, परिवार और समुदायों को अपने भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने और समय के साथ सुधारने की शक्ति देती है। यदि हमें लंबे समय तक स्वस्थ और टिकाऊ रहना है, तो आहार में विविधता को हर पोषण नीति का मूल हिस्सा बनाना होगा।
इस एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में सार्वजनिक स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा, सामाजिक उत्तरदायित्व और जमीनी संगठनों से जुड़े कई विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने इस बात पर चर्चा की कि भारत के विकास और प्रगति के केंद्र में पोषण को कैसे रखा जा सकता है। राइज अगेंस्ट हंगर इंडिया के सीईओ डोला मोहापात्रा ने कहा ने कि पुष फॉर पोषण केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक आंदोलन है, जो लोगों, विचारों और नवाचारों को जोड़कर एक स्वस्थ और भूख-मुक्त भारत की दिशा में काम कर रहा है।
द गुड साइट के संस्थापक असित श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मेलन अब हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, ताकि पोषण और खाद्य प्रणाली पर सामूहिक संवाद को आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि हर साल नए विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं के जुड़ने से यह मंच राष्ट्रीय स्तर पर पोषण के क्षेत्र में सहयोग और कार्रवाई का प्रमुख केंद्र बनेगा।
सम्मेलन में तीन प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें जीवन के विभिन्न चरणों में पोषण, खाद्य प्रणाली, जलवायु और स्थायित्व और पोषण पारितंत्र को आकार देने वाले नवाचार। वक्ताओं ने पोषण, लैंगिक समानता, जलवायु परिवर्तन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंधों पर चर्चा की। साथ ही फोर्टिफिकेशन, बायोफोर्टिफिकेशन और पोषण नीतियों में मानसिक स्वास्थ्य एकीकरण जैसे उभरते समाधानों पर विचार साझा किए।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 15 से अधिक विशेषज्ञों ने अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाएं साझा कीं। आयोजकों के अनुसार, सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य (SDG)–2: शून्य भूख (Zero Hunger) की दिशा में साझेदारी और सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाना है। राइज़ अगेंस्ट हंगर इंडिया ने पिछले एक दशक में 4 करोड़ से अधिक भोजन परोसे हैं और खाद्य सुरक्षा व आजीविका कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 38 लाख लोगों तक पहुंचा है। वहीं, द गुड साइट वेबज़ीन और पॉडकास्ट, जो सामाजिक क्षेत्र में बदलाव लाने वाले लोगों की कहानियां प्रस्तुत करता है, दुनिया के प्रमुख गैर-लाभकारी पॉडकास्ट्स में शामिल है।
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