नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के 6 महीने बाद, पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबाऔर जैश-ए-मोहम्मदजैसे आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में हमलों की नई सीरीज की तैयारी कर रहे हैं। ताजा खुफिया जानकारी के मुताबिक, ये संगठन सितंबर से घुसपैठ, जासूसी और सीमा पार लॉजिस्टिक्स को बढ़ा रहे हैं।
एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सहयोग से लश्करऔर जैशकी कई इकाइयां नियंत्रण रेखा (LoC) के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुस चुकी हैं। यह सब तब हो रहा है जब भारत अपनी पश्चिमी सीमाओं पर एक बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहा है और सर्दियों के नजदीक आने के साथ ही आतंकी गतिविधियों में तेजी आने की आशंका है।
खुफिया रिपोर्टों से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अपनी हरकतें बढ़ा रहे हैं। भारत ने अप्रैल में 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से एक बड़ी कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई के करीब 6 महीने बाद, लश्करऔर जैशजैसे बड़े आतंकी संगठन मिलकर नए हमलों की योजना बना रहे हैं।
खुफिया जानकारी बताती है कि सितंबर महीने से ही इन संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने, जासूसी करने और सीमा पार से सामान पहुंचाने का काम तेज कर दिया है। लशकरऔर जैशकी कई टुकड़ियां नियंत्रण रेखा (LoC) के रास्ते जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो चुकी हैं। इस काम में पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लोग भी मदद कर रहे हैं।
एक लश्करयूनिट, जिसका मुखिया आतंकी शमशेर था, ने ड्रोन का इस्तेमाल करके हवाई जासूसी की। उन्होंने LoC में उन जगहों की पहचान की है जहां सुरक्षा थोड़ी कमजोर है। यह इस बात का इशारा है कि आने वाले हफ्तों में आत्मघाती हमले हो सकते हैं या फिर हथियारों की खेप गिराई जा सकती है।
खुफिया एजेंसियों ने क्या बताया? खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT), जिसमें पुराने SSG सैनिक और आतंकी शामिल हैं, को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में फिर से तैनात किया गया है। इससे भारतीय चौकियों पर सीमा पार से हमले होने की संभावना बढ़ जाती है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह सबसे बड़ी सक्रियता देखी जा रही है। इससे लगता है कि पाकिस्तान एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है।
'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला लेने की तैयारीअक्टूबर 2025 में PoK में कुछ बड़ी बैठकें हुईं। इन बैठकों में जमात-ए-इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन के बड़े नेता और ISI के अधिकारी शामिल थे। जो बातचीत पकड़ी गई है, उसके मुताबिक इन बैठकों में उन आतंकी गुटों को फिर से सक्रिय करने की योजनाएं बनाई गईं जो फिलहाल निष्क्रिय पड़े थे। साथ ही, पुराने कमांडरों को हर महीने पैसे देने और 'ऑपरेशन सिंदूर' में हुए नुकसान का बदला लेने की योजनाएं भी बनाई गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ISI के हैंडलर्स ने आतंकी संगठनों को भारतीय सुरक्षा बलों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ 'बदला लेने वाले हमले'तेज करने का आदेश दिया है।
बढ़ाए जा रहे हथियारों की तस्करी के रास्तेएक नई और खतरनाक बात यह सामने आई है कि लश्करके आतंकी कश्मीर घाटी में स्थानीय मददगारों और संपर्कों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने अपना वह मानव खुफिया नेटवर्क फिर से सक्रिय कर लिया है, जिसे इस साल की शुरुआत में भारत के कड़े आतंकवाद विरोधी अभियानों के बाद काफी हद तक खत्म कर दिया गया था। इसके साथ ही, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहले देखे गए तरीके की तरह, आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के रास्ते भी बढ़ाए जा रहे हैं।
पर्यटन धीरे-धीरे वापस लौट रहा है और...यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर में शांति बनी हुई है। स्थानीय चुनाव हो रहे हैं और पर्यटन धीरे-धीरे वापस लौट रहा है, जो सामान्य स्थिति के संकेत माने जा रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां चेतावनी दे रही हैं कि ISI से जुड़ा आतंकी नेटवर्क इस प्रगति को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है। यह तब और भी चिंताजनक है जब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण दुनिया भर में अलग-थलग पड़ गया था। अप्रैल 2025 से, इस्लामाबाद के गहरे आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता ने उसके अंदर के कट्टरपंथी गुटों को LoC पर छद्म युद्ध को फिर से भड़काने के लिए और अधिक प्रोत्साहित किया है।
एनडीटीवी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सहयोग से लश्करऔर जैशकी कई इकाइयां नियंत्रण रेखा (LoC) के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुस चुकी हैं। यह सब तब हो रहा है जब भारत अपनी पश्चिमी सीमाओं पर एक बड़ा सैन्य अभ्यास कर रहा है और सर्दियों के नजदीक आने के साथ ही आतंकी गतिविधियों में तेजी आने की आशंका है।
खुफिया रिपोर्टों से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अपनी हरकतें बढ़ा रहे हैं। भारत ने अप्रैल में 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम से एक बड़ी कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई के करीब 6 महीने बाद, लश्करऔर जैशजैसे बड़े आतंकी संगठन मिलकर नए हमलों की योजना बना रहे हैं।
खुफिया जानकारी बताती है कि सितंबर महीने से ही इन संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने, जासूसी करने और सीमा पार से सामान पहुंचाने का काम तेज कर दिया है। लशकरऔर जैशकी कई टुकड़ियां नियंत्रण रेखा (LoC) के रास्ते जम्मू-कश्मीर में दाखिल हो चुकी हैं। इस काम में पाकिस्तान की स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लोग भी मदद कर रहे हैं।
एक लश्करयूनिट, जिसका मुखिया आतंकी शमशेर था, ने ड्रोन का इस्तेमाल करके हवाई जासूसी की। उन्होंने LoC में उन जगहों की पहचान की है जहां सुरक्षा थोड़ी कमजोर है। यह इस बात का इशारा है कि आने वाले हफ्तों में आत्मघाती हमले हो सकते हैं या फिर हथियारों की खेप गिराई जा सकती है।
खुफिया एजेंसियों ने क्या बताया? खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT), जिसमें पुराने SSG सैनिक और आतंकी शामिल हैं, को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में फिर से तैनात किया गया है। इससे भारतीय चौकियों पर सीमा पार से हमले होने की संभावना बढ़ जाती है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह सबसे बड़ी सक्रियता देखी जा रही है। इससे लगता है कि पाकिस्तान एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है।
'ऑपरेशन सिंदूर' का बदला लेने की तैयारीअक्टूबर 2025 में PoK में कुछ बड़ी बैठकें हुईं। इन बैठकों में जमात-ए-इस्लामी, हिजबुल मुजाहिदीन के बड़े नेता और ISI के अधिकारी शामिल थे। जो बातचीत पकड़ी गई है, उसके मुताबिक इन बैठकों में उन आतंकी गुटों को फिर से सक्रिय करने की योजनाएं बनाई गईं जो फिलहाल निष्क्रिय पड़े थे। साथ ही, पुराने कमांडरों को हर महीने पैसे देने और 'ऑपरेशन सिंदूर' में हुए नुकसान का बदला लेने की योजनाएं भी बनाई गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ISI के हैंडलर्स ने आतंकी संगठनों को भारतीय सुरक्षा बलों और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ 'बदला लेने वाले हमले'तेज करने का आदेश दिया है।
बढ़ाए जा रहे हथियारों की तस्करी के रास्तेएक नई और खतरनाक बात यह सामने आई है कि लश्करके आतंकी कश्मीर घाटी में स्थानीय मददगारों और संपर्कों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। उन्होंने अपना वह मानव खुफिया नेटवर्क फिर से सक्रिय कर लिया है, जिसे इस साल की शुरुआत में भारत के कड़े आतंकवाद विरोधी अभियानों के बाद काफी हद तक खत्म कर दिया गया था। इसके साथ ही, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहले देखे गए तरीके की तरह, आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के रास्ते भी बढ़ाए जा रहे हैं।
पर्यटन धीरे-धीरे वापस लौट रहा है और...यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब जम्मू-कश्मीर में शांति बनी हुई है। स्थानीय चुनाव हो रहे हैं और पर्यटन धीरे-धीरे वापस लौट रहा है, जो सामान्य स्थिति के संकेत माने जा रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियां चेतावनी दे रही हैं कि ISI से जुड़ा आतंकी नेटवर्क इस प्रगति को पटरी से उतारने की कोशिश कर रहा है। यह तब और भी चिंताजनक है जब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण दुनिया भर में अलग-थलग पड़ गया था। अप्रैल 2025 से, इस्लामाबाद के गहरे आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता ने उसके अंदर के कट्टरपंथी गुटों को LoC पर छद्म युद्ध को फिर से भड़काने के लिए और अधिक प्रोत्साहित किया है।
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