नई दिल्ली: भूमि संबंधी समस्याओं से घिरे दिल्ली के नागरिकों के लिए अच्छी खबर सामने आई है, क्योंकि इन समस्याओं की बारीकी से जांच के लिए आज से संसदीय समिति अपना काम शुरू कर देगी। दिल्ली के भूमि संबंधी मुद्दे, जिनमें अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण और लैंड पूलिंग नीति का कार्यान्वयन जैसे राजनीतिक मुद्दे शामिल हैं, एक संसदीय पैनल की जांच के दायरे में आ गए हैं।
आवास और शहरी मामलों की 31 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति दिल्ली के तीन प्रमुख शहरी विकास और भूमि संबंधी मुद्दों की बारीकी से जांच करेगी। सितंबर के अंत में पुनर्गठित इस पैनल ने जांच के लिए 23 मुद्दों को अंतिम रूप दिया है। अब तक, पैनल आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत प्रमुख मिशनों के कार्यान्वयन और परिणामों पर विचार कर रहा है।
तीन सीधे दिल्ली के भूमि संबंधी मुद्दे हैं
इन 23 मुद्दों में से तीन सीधे दिल्ली के भूमि संबंधी मुद्दों से संबंधित हैं। इनमें दिल्ली और अन्य शहरों में अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण, दिल्ली में लैंड पूलिंग नीति के कार्यान्वयन की स्थिति और दिल्ली में सरकारी भूमि का आवंटन शामिल हैं।
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियां सियासी मुद्दा बनता रहा है
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रहा है, जहां एक के बाद एक सरकारों ने एक निश्चित समय सीमा के आधार पर लोगों को मालिकाना हक देने के कई प्रयास किए हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में, नरेंद्र मोदी सरकार ने 1,700 से ज्यादा अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को कानूनी दर्जा, मालिकाना हक और पानी-बिजली जैसी जरूरी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए पीएम-उदय योजना शुरू की थी।
हालांकि, इस योजना को सरकार की अपेक्षा के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मामले से वाकिफ लोगों के अनुसार, संसदीय समिति पिछले कुछ वर्षों में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण में अपनाई गई विभिन्न नीतियों की जांच करेगी और पीएम-उदय जैसी प्रमुख योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सरकार को सुझाव देगी।
आवास और शहरी मामलों की 31 सदस्यीय संसदीय स्थायी समिति दिल्ली के तीन प्रमुख शहरी विकास और भूमि संबंधी मुद्दों की बारीकी से जांच करेगी। सितंबर के अंत में पुनर्गठित इस पैनल ने जांच के लिए 23 मुद्दों को अंतिम रूप दिया है। अब तक, पैनल आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत प्रमुख मिशनों के कार्यान्वयन और परिणामों पर विचार कर रहा है।
तीन सीधे दिल्ली के भूमि संबंधी मुद्दे हैं
इन 23 मुद्दों में से तीन सीधे दिल्ली के भूमि संबंधी मुद्दों से संबंधित हैं। इनमें दिल्ली और अन्य शहरों में अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण, दिल्ली में लैंड पूलिंग नीति के कार्यान्वयन की स्थिति और दिल्ली में सरकारी भूमि का आवंटन शामिल हैं।
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियां सियासी मुद्दा बनता रहा है
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों का नियमितीकरण एक राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रहा है, जहां एक के बाद एक सरकारों ने एक निश्चित समय सीमा के आधार पर लोगों को मालिकाना हक देने के कई प्रयास किए हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में, नरेंद्र मोदी सरकार ने 1,700 से ज्यादा अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को कानूनी दर्जा, मालिकाना हक और पानी-बिजली जैसी जरूरी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए पीएम-उदय योजना शुरू की थी।
हालांकि, इस योजना को सरकार की अपेक्षा के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मामले से वाकिफ लोगों के अनुसार, संसदीय समिति पिछले कुछ वर्षों में अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण में अपनाई गई विभिन्न नीतियों की जांच करेगी और पीएम-उदय जैसी प्रमुख योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सरकार को सुझाव देगी।
You may also like

प्रेम प्रसंग के बाद ब्लैकमेल करने लगी, सलीम पर महिला की हत्या का आरोप... अमरोहा कांड में बड़ा खुलासा

क्या है Dolby Vision और Dolby Atmos, जिनका नाम आते ही TV हो जाते हैं महंगे?

बीएपीएस के 'मिशन राजीपो' के तहत 40,000 छात्रों ने संस्कृत को संस्कार में बदला

टी20 सीरीज: इब्राहिम जादरान का अर्धशतक, अफगानिस्तान ने जिम्बाब्वे को दिया 181 रन का लक्ष्य

अंडर-कंस्ट्रक्शन vs रेडी-टू-मूव: जानिए कौन सा घर है आपके लिए सही ऑप्शंस




