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Reliance Meta JV: अंबानी-जुकरबर्ग की यह सुपर-डील कैसी, 855 करोड़ रुपये से कहां चेंज करेंगे गेम?

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नई दिल्‍ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज और मेटा प्लेटफॉर्म्स मिलकर भारत में एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ) सेवाओं में 855 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह निवेश दोनों कंपनियों की नई कंपनी रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (आरईआईएल) में उनकी हिस्सेदारी के आधार पर होगा। भारत का एआई बाजार 2027 तक 20-22 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह घोषणा रिलायंस के प्रमुख मुकेश अंबानी और मेटा के मालिक मार्क जकरबर्ग ने की।

रिलायंस अपनी 100% सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस इंटेलिजेंस के जरिये आरईआईएल में 70% हिस्सेदारी रखेगी। वहीं, मेटा अपनी 100% सहायक कंपनी फेसबुक ओवरसीज के माध्‍यम से बाकी 30% हिस्सेदारी की मालिक होगी। आरईआईएल का काम एंटरप्राइज एआई सेवाओं को विकसित करना, उनकी मार्केटिंग करना और उनका ड्रिस्‍ट्रीबयूशन होगा। इस संयुक्त उद्यम की घोषणा सबसे पहले अगस्त में रिलायंस की वार्षिक आम बैठक में मुकेश अंबानी और मार्क जकरबर्ग ने की थी।

अपनी-अपनी ताकतों का करेंगे इस्‍तेमाल
इस पार्टनरशिप में में रिलायंस और मेटा दोनों अपनी-अपनी ताकत का इस्‍तेमाल करेंगी ताकि एआई सेवाओं को प्रभावी ढंग से भारतीय बाजार तक पहुंचाया जा सके। मेटा अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का योगदान करेगी, विशेष रूप से अपने शक्तिशाली 'लामा' (Llama) आधारित एआई मॉडल विकसित करने पर फोकस करेगी, जो इन सेवाओं की मुख्य तकनीक होगी।


वहीं, रिलायंस अपने विशाल डिजिटल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर और हजारों भारतीय उद्यमों तथा छोटे व्यवसायों तक अपनी पहुंच का लाभ उठाएगी। इस प्रयास का अंतिम टारगेट बहुमुखी एआई समाधान प्रदान करना है जो क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस (स्थानीय सर्वर) या हाइब्रिड वातावरण में काम कर सकें। इसमें इस्‍तेमाल की कुल लागत को कम रखने पर विशेष जोर दिया जाएगा ताकि शक्तिशाली एआई उपकरण व्यापक भारतीय बाजार के लिए किफायती और सुलभ बन सकें।

भारत AI सेक्‍टर में होगा मजबूत
एआई एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने और सीखने में मदद करती है। यह कंपनियों को अपने काम को बेहतर बनाने और नए तरीके खोजने में मदद कर सकती है। भारत में एआई का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। यह निवेश भारत को एआई के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा।
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