Next Story
Newszop

Fact Check: एक साल तक शिशु को पीठ के बल ही सुलाएं, एक्सपर्ट ने भी माना दावे का दम

Send Push
हर माता-पिता अपने शिशु के अच्‍छे विकास की कामना करते हैं। हालांकि, जिन घरों में बड़े बुजुर्ग नहीं हैं, वहां पेरेंट्स के लिए बच्‍चे पालना मुश्किल हो जाता है। क्‍योंकि शिशु के बेहतर विकास के लिए उसे खिलाने से लेकर उसकी स्‍लीपिंग पोजीशन तक का ध्‍यान रखना पड़ता है।फेसबुक पर Vinay Mishra नाम के पेज पर मौजूद रील में बताया गया है कि शिशु को एक साल तक पीठ के बल ही सुलाना चाहिए। उन्‍हें करवट लेकर सुलाना खतरनाक साबित हो सकता है। दावा सच है या नहीं, सजग फैक्‍ट चेक टीम ने यह अपनी जांच में जान लिया है। आइए जानते हैं पूरा सच। दावा क्‍या है imageरील में शिशु को एक साल तक पीठ के बल सोने की सलाह दी गई है। यूजर के अनुसार, यह शिशुओं के लिए सबसे सुरक्षित स्थिति है, क्‍योंकि इससे SIDS का जोखिम कम हो जाता है। जब बच्‍चा एक साल का हो जाए, तो उसे पेट के बल या अन्‍य किसी स्थिति में सुलाना शुरू कर सकते हैं। दावे का सचइस दावे का फैक्ट चेक किया जयपुर के साकेत हॉस्पिटल और मातृत्व मदर एंड चाइल्ड क्लिनिक, में कंसल्टेंट नियोनेटोलॉजिस्ट, डॉ. अनुज यादव ने। उन्होंने कहा कि इस फैक्ट को अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स सहित दुनियाभर की मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन ने सपोर्ट किया है। सभी मानते हैं कि शिशु को पीठ के बल सुलाने से SIDS का खतरा बहुत कम हो जाता है। यह 1-12 महीने की उम्र के बच्चों की मौत का मुख्‍य कारण है। नींद का सुरक्षित वातावरणआमतौर पर जब बच्‍चे 4 से 6 महीने के होते हैं, तब वे करवट लेना सीख जाते हैं। तब भी बच्‍चों को पीठ के बल ही सुलाना चाहिए। इससे शिशु के लिए सबसे सुरक्षित नींद का वातावरण बनकर तैयार होता है। डॉक्टर की सलाहयहां सलाह दी गई है कि छोटे बच्‍चों को पीठ के बल सुलाना सबसे अच्‍छा विकल्‍प है। इससे बच्‍चे नींद में सुरक्षित रहते हैं। एक साल के बाद बच्‍चे को पेट के बल या करवट लेकर भी सुलाएं, तो कोई चिंता नहीं होगी।
Loving Newspoint? Download the app now