ढाका: बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक का जोरदार स्वागत किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले महीने जाकिर नाइक बांग्लादेश का दौरा करने वाला है। ये वही जाकिर नाइक है, जिसपर कभी बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आतंकी हमले में हाथ होने का आरोप लगा था। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस जाकिर नाइक का रेड कार्पेट स्वागत करने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि ऐसा वो भारत को चिढ़ाने के लिए कर सकते हैं, क्योंकि जाकिर नाइक भारत का वांटेड है, जो भागकर अब मलेशिया में रह रहा है।
आपको बता दें कि 2016 में ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में हुए आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस हमले में इस्लामी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) ने नौ इतालवी, सात जापानी, एक अमेरिकी और एक भारतीय सहित 20 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। लेकिन अब उसी जाकिर नाइक का बांग्लादेश में रेट कार्पेट स्वागत किया जाएगा। इससे पहले जाकिर नाइक इसी साल फरवरी में पाकिस्तान की भी यात्रा कर चुका है।
जिसका नाम आतंकी हमले में आया, उसका स्वागत क्यों?
ढाका आतंकी हमले में नाम आने के बाद तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने जाकिर नाइक के बांग्लादेश आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जांच में पता चला था कि जिन लोगों ने आतंकी हमला किया था, उनमें से दो जाकिर नाइक का कट्टर फॉलोवर्स था और सोशल मीडिया पर उसे फॉलो करते थे। उस समय जाकिर नाइक के फेसबुक पर 1.4 करोड़ से ज्यादा फ़ॉलोअर्स थे, जिनमें से लगभग 40 लाख फॉलोअर्स अकेले बांग्लादेश से थे।
बांग्लादेश के पूर्व सूचना मंत्री हसनुल हक इनु ने प्रतिबंध लगाए जाने पर कहा था, "जाकिर नाइक के भाषण उग्रवाद को भड़काते हैं।" ढाका आतंकी हमले की जांच में पता चला था कि हमलावर इस्लामिक स्टेट (ISIS) और जाकिर नाइक के उपदेशों को गहराई से फॉलो करता हथा। इसके बाद ही उन्होंने ढाका के पॉश गुलशन इलाके में स्थित कैफे पर बम और असॉल्ट राइफलों से लैस होकर हमला कर दिया था और वहां मौजूद लोगों और कर्मचारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थी।
भारत का भगोड़ा है जाकिर नाइक
भारत में भी जाकिर नाइक पर आतंकी फंडिंग और नफरत फैलाने के आरोप हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम – UAPA के तहत मामला दर्ज किया हुआ है। भारत ने कई बार मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन कुआलालंपुर ने हर बार इनकार कर दिया है। नाइक पिछले आठ वर्षों से मलेशिया में ही रह रहा है और वहां अपना 'पीस टीवी' चलाता है। इसी साल फरवरी महीने में पाकिस्तान में भी उसका रेट कार्पेट स्वागत किया गया था, जहां उसने शहबाज शरीफ के साथ साथ लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कुछ सदस्यों से भी मुलाकात की थी, जिनमें से तीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। और अब वो बांग्लादेश जाने वाला है। वही बांग्लादेश, जिसपर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस का शासन है।
आपको बता दें कि 2016 में ढाका के होली आर्टिसन बेकरी में हुए आतंकी हमले के बाद जाकिर नाइक पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस हमले में इस्लामी समूह जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) ने नौ इतालवी, सात जापानी, एक अमेरिकी और एक भारतीय सहित 20 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। लेकिन अब उसी जाकिर नाइक का बांग्लादेश में रेट कार्पेट स्वागत किया जाएगा। इससे पहले जाकिर नाइक इसी साल फरवरी में पाकिस्तान की भी यात्रा कर चुका है।
जिसका नाम आतंकी हमले में आया, उसका स्वागत क्यों?
ढाका आतंकी हमले में नाम आने के बाद तत्कालीन शेख हसीना सरकार ने जाकिर नाइक के बांग्लादेश आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। जांच में पता चला था कि जिन लोगों ने आतंकी हमला किया था, उनमें से दो जाकिर नाइक का कट्टर फॉलोवर्स था और सोशल मीडिया पर उसे फॉलो करते थे। उस समय जाकिर नाइक के फेसबुक पर 1.4 करोड़ से ज्यादा फ़ॉलोअर्स थे, जिनमें से लगभग 40 लाख फॉलोअर्स अकेले बांग्लादेश से थे।
बांग्लादेश के पूर्व सूचना मंत्री हसनुल हक इनु ने प्रतिबंध लगाए जाने पर कहा था, "जाकिर नाइक के भाषण उग्रवाद को भड़काते हैं।" ढाका आतंकी हमले की जांच में पता चला था कि हमलावर इस्लामिक स्टेट (ISIS) और जाकिर नाइक के उपदेशों को गहराई से फॉलो करता हथा। इसके बाद ही उन्होंने ढाका के पॉश गुलशन इलाके में स्थित कैफे पर बम और असॉल्ट राइफलों से लैस होकर हमला कर दिया था और वहां मौजूद लोगों और कर्मचारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थी।
भारत का भगोड़ा है जाकिर नाइक
भारत में भी जाकिर नाइक पर आतंकी फंडिंग और नफरत फैलाने के आरोप हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम – UAPA के तहत मामला दर्ज किया हुआ है। भारत ने कई बार मलेशिया से जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण की मांग की, लेकिन कुआलालंपुर ने हर बार इनकार कर दिया है। नाइक पिछले आठ वर्षों से मलेशिया में ही रह रहा है और वहां अपना 'पीस टीवी' चलाता है। इसी साल फरवरी महीने में पाकिस्तान में भी उसका रेट कार्पेट स्वागत किया गया था, जहां उसने शहबाज शरीफ के साथ साथ लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कुछ सदस्यों से भी मुलाकात की थी, जिनमें से तीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। और अब वो बांग्लादेश जाने वाला है। वही बांग्लादेश, जिसपर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस का शासन है।
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