बाकू: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला और गीदड़भभकी दी है। शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन किसी को भी हमारी संप्रभुता को चुनौती देने या क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। शहबाज शरीफ ने ये बात बाकू में अजरबैजान के विजय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कही। विजय दिवस परेड में पाकिस्तान की सैन्य टुकड़ी और JF-17 लड़ाकू विमानों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर भी मौजूद रहे थे।
अजरबैजान 2020 में आर्मेनिया के खिलाफ 44 दिन तक चले काराबाख युद्ध में जीत के उपलक्ष्य में हर साल 8 नवम्बर को विजय दिवस मनाता है। विजय दिवस को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा, 'पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान तीन भाइयों की तरह हैं और उनके दिल एक साथ धड़कते हैं। उन्होंने आगे कहा, यह देखना कितना शानदार है कि हमारे बहादुर सशस्त्र बल, अपने अजरबैजानी और तुर्की भाइयों के साथ मार्च कर रहे हैं।'
कश्मीर को लेकर दिन में देखा सपना
इस दौरान शहबाज शरीफ ने मई में भारत के साथ चार दिवसीय युद्ध का भी जिक्र किया और इसे पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की जीत बता दिया। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने काराबाख में आर्मेनिया पर अजरबैजान के बहाने जम्मू और कश्मीर को लेकर दिवास्वप्न भी देख डाला। शरीफ ने कहा, काराबाख में अजरबैजान की जीत एक न्यायोचित उद्देश्य की शानदार पुष्टि थी। यह गाजा और भारत द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए जम्मू और कश्मीर के बहादुर और दृढ़ लोगों सहित, संप्रभुता और आत्मनिर्णय के लिए प्रयासरत सभी देशों के लिए उम्मीद की किरण है।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। शहबाज शरीफ ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे अजरबैजान और तुर्की के महान लोग और दृढ़ नेतृत्व इस साल मई में भारत के साथ चार दिवसीय युद्ध के दौरान पाकिस्तान के साथ मजबूती से खड़े रहे। शहबाज शरीफ ने झूठा दावा भी कर दिया कि पाकिस्तान ने भारत के सात लड़ाकू विमान मार गिराए थे। ये वही दावा है जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दोहरा रहे हैं।
एर्दोगान और ट्रंप की तारीफ
शहबाज शरीफ ने इस मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने तुर्की को एक आधुनिक, प्रगतिशील और आर्थिक शक्ति में बदल दिया है। उन्होंने आर्मेनिया के साथ शांति समझौते की तरफ इशारा करते हुए अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव के शांति प्रयासों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की भी तारीफ की और एक बार फिर दोहराया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्धविराम कराया, जिससे एक बड़ा युद्ध टला और लाखों लोगों की जान बची। हालांकि, भारत ने लगातार इनकार किया है कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
अजरबैजान 2020 में आर्मेनिया के खिलाफ 44 दिन तक चले काराबाख युद्ध में जीत के उपलक्ष्य में हर साल 8 नवम्बर को विजय दिवस मनाता है। विजय दिवस को संबोधित करते हुए शहबाज ने कहा, 'पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान तीन भाइयों की तरह हैं और उनके दिल एक साथ धड़कते हैं। उन्होंने आगे कहा, यह देखना कितना शानदार है कि हमारे बहादुर सशस्त्र बल, अपने अजरबैजानी और तुर्की भाइयों के साथ मार्च कर रहे हैं।'
कश्मीर को लेकर दिन में देखा सपना
इस दौरान शहबाज शरीफ ने मई में भारत के साथ चार दिवसीय युद्ध का भी जिक्र किया और इसे पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की जीत बता दिया। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने काराबाख में आर्मेनिया पर अजरबैजान के बहाने जम्मू और कश्मीर को लेकर दिवास्वप्न भी देख डाला। शरीफ ने कहा, काराबाख में अजरबैजान की जीत एक न्यायोचित उद्देश्य की शानदार पुष्टि थी। यह गाजा और भारत द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए जम्मू और कश्मीर के बहादुर और दृढ़ लोगों सहित, संप्रभुता और आत्मनिर्णय के लिए प्रयासरत सभी देशों के लिए उम्मीद की किरण है।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। शहबाज शरीफ ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे अजरबैजान और तुर्की के महान लोग और दृढ़ नेतृत्व इस साल मई में भारत के साथ चार दिवसीय युद्ध के दौरान पाकिस्तान के साथ मजबूती से खड़े रहे। शहबाज शरीफ ने झूठा दावा भी कर दिया कि पाकिस्तान ने भारत के सात लड़ाकू विमान मार गिराए थे। ये वही दावा है जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दोहरा रहे हैं।
एर्दोगान और ट्रंप की तारीफ
शहबाज शरीफ ने इस मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने तुर्की को एक आधुनिक, प्रगतिशील और आर्थिक शक्ति में बदल दिया है। उन्होंने आर्मेनिया के साथ शांति समझौते की तरफ इशारा करते हुए अजरबैजान के राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव के शांति प्रयासों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप की भी तारीफ की और एक बार फिर दोहराया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान और भारत के बीच युद्धविराम कराया, जिससे एक बड़ा युद्ध टला और लाखों लोगों की जान बची। हालांकि, भारत ने लगातार इनकार किया है कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।
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