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भारत साल के अंत तक... पीएम मोदी से बातचीत के बाद ढीले पड़े ट्रंप के तेवर, रूसी तेल खरीद पर आया बयान, जानें क्या कहा

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वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के रूसी तेल खरीद को लेकर बयान दिया है। ट्रंप ने कहा कि भारत इस साल के अंत तक रूसी तेल के आयात में तेजी से कमी करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन का हवाला दिया और कहा कि यह कमी धीरे-धीरे लेकिन महत्वपूर्ण होगी। ट्रंप ने यह टिप्पणी नाटो महासचिव मार्क रूट के साथ बैठक के दौरान वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुई कही। अमेरिकी राष्ट्रपति के ताजा बयान से भारत के प्रति उनके रुख में नरमी का संकेत मिलता है। ट्रंप ने एक दिन पहले ही पीएम मोदी को दिवाली की बधाई देने के लिए फोन किया था।

मार्क रूट के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, भारत ने मुझसे कहा था कि वे इसे रोक देंगे। यह एक प्रक्रिया है। आप इसे यूं ही नहीं रोक सकते। लेकिन साल के अंत तक वे (तेल आयात) लगभग शून्य हो जाएंगे। यह एक बड़ी बात है।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का लगभग 40 प्रतिशत कच्चा तेल आयात वर्तमान में रूस से होता है।

भारत को ट्रंप ने बताया अच्छा
ट्रंप ने आगे कहा, 'भारत बहुत अच्छा रहा है। कल प्रधानमंत्री मोदी से बात की और वे बिल्कुल शानदार रहे।' ट्रंप ने कहा कि वैश्विक बाजारों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से तेल आयात को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि साल के अंत तक यह पूरा हो जाएगा।


ट्रंप का भारत पर बदला रुख
ट्रंप की ताजा टिप्पणी भारत को लेकर उनके पिछले रुख में महत्वपूर्ण बदलाव को दिखाती है। इसी साल सितम्बर में ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि अगर भारत रूस से तेल आयात बंद नहीं करता है तो उसे लगातार भारी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।

एयर फोर्स वन में पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा कि भारत ने रूस से तेल खरीदने से इनकार नहीं किया है तो ट्रंप ने कहा, 'अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो वे भारी टैरिफ चुकाते रहेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा कहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'मैंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और उन्होंने कहा है कि वे रूसी तेल नहीं खरीदेंगे। लेकिन अगर वे ऐसा करना चाहते हैं, तो वे भारी टैरिफ चुकाते रहेंगे। वे ऐसा नहीं करना चाहते।'
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