नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया की युवा बल्लेबाज फोएबे लिचफील्ड ने 30 अक्टूबर 2025 को नवी मुंबई के डॉ. डी.वाई. पाटिल स्पोर्ट्स अकादमी में महिला विश्व कप सेमीफाइनल में भारत के खिलाफ एक तूफानी शतकीय पारी खेलकर सबको हैरान कर दिया। 22 वर्षीय लिचफील्ड ने सिर्फ 77 गेंदों में अपना शतक पूरा किया, जिसने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम की मुश्किलें बढ़ा दीं। इस यादगार पारी के साथ, लिचफील्ड महिला विश्व कप के नॉकआउट मैच में शतक बनाने वाली सिर्फ सातवीं बल्लेबाज बन गईं, जिसने उन्हें हरमनप्रीत कौर और एलिसा हीली जैसे दिग्गजों के क्लब में शामिल कर दिया।
शतक के बाद ट्रेविस हेड से हो रही तुलना
इस मुकाबले में शतक बनाने के बाद लिचफील्ड की तुलना ट्रेविस हेड से की जा रही है। दरअसल लिचफील्ड इस पूरे वर्ल्ड कप के दौरान कुछ खास फॉर्म में नजर नहीं आई, लेकिन भारत के खिलाफ उन्होंने दमदार पारी खेल डाली, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम 338 रन के विशाल टोटल तक पहुंच सकी। ऐसा ही कुछ ट्रेविस हेड ने भी वर्ल्ड कप 2023 दौरान किया था। वह पूरे वर्ल्ड कप के दौरान कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे थे, लेकिन अचानक से फाइनल में उन्होंने शतक जड़ा और भारत को फाइनल मैच हरा दिया। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर फैंस लिचफील्ड की तुलना ट्रेविस हेड से कर रहे हैं।
शतक के बाद मिला था जीवनदान
शतक बनाने के तुरंत बाद, लिचफील्ड को जीवनदान मिला जब ऋचा घोष ने अमनजोत कौर की गेंद पर उनका एक आसान कैच छोड़ दिया। इस मौके का फायदा उठाते हुए, उन्होंने दीप्ति शर्मा के खिलाफ लगातार दो छक्के जड़कर भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बढ़ा दिया। उनकी तूफानी पारी का अंत तब हुआ जब अमनजोत कौर ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। लिचफील्ड ने 93 गेंदों पर 17 चौकों और तीन छक्कों की मदद से शानदार 119 रन बनाए।
लिचफील्ड का विकेट भारत के लिए एक बड़ी राहत थी, लेकिन तब तक उन्होंने एलिस पेरी के साथ दूसरे विकेट के लिए 155 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर चुकी थीं, जिसने ऑस्ट्रेलिया को एक मजबूत स्कोर की ओर अग्रसर कर दिया। लिचफील्ड की यह आक्रामक और तकनीक से भरपूर पारी आने वाले कई सालों तक याद रखी जाएगी और यह साबित करती है कि वह महिला क्रिकेट में भविष्य की एक बड़ी खिलाड़ी हैं। वहीं, भारत के लिए यह मैच फील्डिंग में हुई गलतियों, खासकर कैच छोड़ने के कारण निराशाजनक रहा, जो मैच का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।
शतक के बाद ट्रेविस हेड से हो रही तुलना
इस मुकाबले में शतक बनाने के बाद लिचफील्ड की तुलना ट्रेविस हेड से की जा रही है। दरअसल लिचफील्ड इस पूरे वर्ल्ड कप के दौरान कुछ खास फॉर्म में नजर नहीं आई, लेकिन भारत के खिलाफ उन्होंने दमदार पारी खेल डाली, जिसके कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम 338 रन के विशाल टोटल तक पहुंच सकी। ऐसा ही कुछ ट्रेविस हेड ने भी वर्ल्ड कप 2023 दौरान किया था। वह पूरे वर्ल्ड कप के दौरान कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखे थे, लेकिन अचानक से फाइनल में उन्होंने शतक जड़ा और भारत को फाइनल मैच हरा दिया। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर फैंस लिचफील्ड की तुलना ट्रेविस हेड से कर रहे हैं।
Phoebe Litchfield 🤝Travis Head #INDvAUS #INDWvsAUSW pic.twitter.com/osckl0Pk1i
— Raja Babu (@GaurangBhardwa1) October 30, 2025
Phoebe Litchfield aurton ka Travis Head 😭#INDvAUS #INDWvsAUSW pic.twitter.com/XnJCEu2wBL
— Desi Bhayo (@desi_bhayo88) October 30, 2025
Phoebe Litchfield and Travis Head are nightmares for Indian fans 😭 pic.twitter.com/a0Ym5gEXWN
— Homie (@homelander_yyy) October 30, 2025
शतक के बाद मिला था जीवनदान
शतक बनाने के तुरंत बाद, लिचफील्ड को जीवनदान मिला जब ऋचा घोष ने अमनजोत कौर की गेंद पर उनका एक आसान कैच छोड़ दिया। इस मौके का फायदा उठाते हुए, उन्होंने दीप्ति शर्मा के खिलाफ लगातार दो छक्के जड़कर भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बढ़ा दिया। उनकी तूफानी पारी का अंत तब हुआ जब अमनजोत कौर ने उनकी गिल्लियां बिखेर दीं। लिचफील्ड ने 93 गेंदों पर 17 चौकों और तीन छक्कों की मदद से शानदार 119 रन बनाए।
लिचफील्ड का विकेट भारत के लिए एक बड़ी राहत थी, लेकिन तब तक उन्होंने एलिस पेरी के साथ दूसरे विकेट के लिए 155 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर चुकी थीं, जिसने ऑस्ट्रेलिया को एक मजबूत स्कोर की ओर अग्रसर कर दिया। लिचफील्ड की यह आक्रामक और तकनीक से भरपूर पारी आने वाले कई सालों तक याद रखी जाएगी और यह साबित करती है कि वह महिला क्रिकेट में भविष्य की एक बड़ी खिलाड़ी हैं। वहीं, भारत के लिए यह मैच फील्डिंग में हुई गलतियों, खासकर कैच छोड़ने के कारण निराशाजनक रहा, जो मैच का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है।
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