पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में स्थित हुंजा घाटी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ लोगों की लंबी उम्र और बेहतरीन सेहत के लिए दुनियाभर में जानी जाती है। इस घाटी में रहने वाले लोग आमतौर पर 100 साल से ज़्यादा जीते हैं और हैरानी की बात यह है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां इस जगह पर बेहद कम होती हैं। करीब 2,438 मीटर की ऊँचाई पर बसे इस इलाके में साफ हवा, घर जैसा भोजन और हेल्थी लाइफस्टाइल लोगों को लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी देती है। यहाँ के निवासी ज़्यादातर समय शारीरिक रूप से अच्छे तंदरुस्त रहते हैं और उनका खाना-पीना पूरी तरह से पौधों पर आधारित होता है यानी फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और सूखे मेवे। मांस का सेवन बहुत कम और सिर्फ़ सर्दियों में ही किया जाता है।
चाय बन रही है जीवनदान?
हुंजा घाटी की एक ख़ास बात यहाँ की पारंपरिक हर्बल चाय है, जिसे 'हुंजा चाय' कहा जाता है। तुलसी, दालचीनी, इलायची, अदरक और गुड़ से बनी यह चाय एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, पाचन क्रिया को बेहतर बनाने, वजन कम करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार माना जाता है।क्या है लंबी उम्र का राज?
यहां के लोगों की जीवनशैली भी कमाल की है। कठिन भौगोलिक क्षेत्र में रहने के कारण वे रोजाना लंबी दूरी पैदल चलते हैं, जिससे उनका दिल का स्वास्थ्य बेहतर रहता है। एक अध्ययन के अनुसार, 425 लोगों के सर्वेक्षण में केवल 47 लोग ही धूम्रपान करते पाए गए और मोटापा भी बहुत कम देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि हुंजा घाटी में हर कोई नहीं रह सकता, लेकिन उनकी जीवनशैली को अपनाकर बीमारियों की रोकथाम और लंबी उम्र की ओर कदम जरूर बढ़ाए जा सकते हैं।