अंकारा : तुर्की के इस्तांबुल में बुधवार (23 अप्रैल) को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। दोपहर 3:19 बजे आए रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप को तुर्की के पास बुल्गारिया, ग्रीस और रोमानिया जैसे देशों में भी महसूस किया गया। इससे लोगों में भय का माहौल फैल गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस्तांबुल से 73 किलोमीटर दूर 6.2 तीव्रता का भूकंप आया। इस शक्तिशाली भूकंप ने लोगों को कुछ ही सेकंड में अपने घरों से भागने पर मजबूर कर दिया।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि जमीन हिलने लगी। लोग डर के मारे सड़कों पर भाग गए। इस्तांबुल, अंकारा और इज़मिर जैसे प्रमुख शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। फिलहाल किसी भी प्रकार की जान या वित्तीय हानि की कोई रिपोर्ट नहीं है। हालांकि, अधिकारियों के अनुसार कुछ पुरानी इमारतों में दरारें हैं।
बचाव दल अलर्ट मोड पर
भूकंप के झटके महसूस होते ही सभी आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता एवं बचाव दल भेजे गए हैं। एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। ऐसा कहा जा रहा है कि भूकंप के और भी झटके आने की संभावना है।
भूकंप क्यों आया?तुर्की भूकंप विज्ञान विभाग के अनुसार, यह भूकंप भूमध्य सागरीय क्षेत्र में प्लेटों की हलचल के कारण आया। भूकंप की गहराई अपेक्षा से कम थी। इसका प्रभाव बड़े क्षेत्र पर पड़ा। ग्रीस और बुल्गारिया के शहरों में हल्के झटके महसूस किये गये, जबकि रोमानिया के कुछ हिस्सों में तीव्र झटके महसूस किये गये। तुर्की के भूकंप विज्ञान विभाग ने कहा है कि और अधिक भूकंप आने की संभावना है।
सबसे भयानक भूकंपतुर्की एक भूकंप-प्रवण क्षेत्र है। इस संवेदनशील क्षेत्र में पहले भी कई बार घातक भूकंप आ चुके हैं। इससे पहले 2023 में आए सबसे विनाशकारी भूकंप ने तुर्की में हजारों लोगों की जान ले ली थी। ऐसे में हाल ही में आए भूकंप के झटकों ने पुराने जख्मों को फिर से हरा कर दिया है। फिलहाल सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर नजर रख रही हैं। संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता एवं बचाव दल भेजे गए हैं।
भूकंप क्यों आते हैं?प्राप्त जानकारी के अनुसार पृथ्वी के अंदर सात प्लेटें हैं। जो चलते रहते हैं। जिस क्षेत्र में ये प्लेटें टकराती हैं उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। बार-बार टकराव के कारण प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब बहुत अधिक दबाव बनता है तो प्लेटें टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोज लेती है और गड़बड़ी के बाद भूकंप आता है। भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके नीचे प्लेटों की गति के कारण ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप के कंपन अधिक तीव्र होते हैं। जैसे-जैसे कंपन की आवृत्ति बढ़ती है, उसका प्रभाव कम होता जाता है।
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