News India Live, Digital Desk: ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारत की तीनों सेनाओं ने तैयारी की थी. भारतीय नौसेना ने समंदर में पाकिस्तान को घेर लिया था. इसी वजह से पाकिस्तान के युद्धपोत बंदरगाहों के आस-पास ही मौजूद रहे . समंदर से भारत में हमले की एक भी कोशिश नहीं की गई. ब्रह्मोस से लैस युद्धपोत और फाइटर जेट्स के साथ मौजूद एयरक्राफ्ट कैरियर पाकिस्तान में भारी तबाही ला सकते थे. समुद्र में हिंदुस्तान की तैयारी और ताकतवर युद्धपोत की तैनाती से पाकिस्तान में खौफ था.
पाकिस्तान की सीमा से बहुत करीब ऐसे ऐसे युद्धपोत मौजूद थे जिससे कराची पर मिसाइलों की बरसात हो सकती थी. इंडियन नेवी के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद से ही नौसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन की तैयारी शुरु कर दी थी. पाकिस्तान की सीमा के करीब भारतीय युद्धपोत और सबमरीन रेडी टू अटैक मोड पर थे. पूरा पाकिस्तानी नौसेना निशाने पर था और ट्रिगर पर थी इंडियन नेवी की उंगली.
रअप्रैल के बाद से ही नेवी की मूवमेंट शुरु हो गई थी. भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमांड ने पाकिस्तान के खिलाफ अरब सागर में तैनाती बढ़ा दी थी. कुछ ही दिनों में पाकिस्तान की सीमा के करीब भारत का एयरक्राफ्ट कैरियर पहुंच गया. इसके साथ ही भारतीय युद्धपोत और सबमरीन भी पाकिस्तान के करीब तैनात कर दिए गए. नेवी के करीब पहुंचने से पहले पाकिस्तान तक धमाकों की गूंज पहुंचने लगी थी.
आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर ही अरब सागर में कई हथियारों के परीक्षणों के माध्यम से हमने अपनी युद्ध रणनीति को परखा. नेवी ने अपने घातक हथियारों को टेस्ट किया और सुनिश्चित कर लिया गया कि नौसेना हमले के लिए बिल्कुल तैयार रहे. सभी युद्धपोत घातक मिसाइलों से लैस थे. समंदर के भीतर भी पनडुब्बी तैनात थी. ताकि जरूरत पड़ने पर सटीक हमला कर सकें, फिर चाहे वो कराची ही क्यों ना हो?
ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग बेहद सीक्रेट तरीके से चल रही थी. नेवी को ऐसे पोजीशन हासिल करने का ऑर्डर मिला जहां से कभी भी पाकिस्तान में तबाही लाई जा सके. इसके साथ पाकिस्तानी नौसेना पर भी 24 घंटे नजर रखी जाने लगी. नौसेना की तैयारी ने पाकिस्तानी नेवी को बैकफुट पर रखा. पाकिस्तान की नौसेना अपने ठिकानों के आस-पास सिमट गई. समुद्र से भारत पर एक भी हमले की कोशिश नहीं की गई.
INS विक्रांत और तलवार भी थे करीबपाकिस्तान के करीब एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को भेजा गया था. इसपर MiG-29K फाइटर जेट तैनात रहते हैं. Ka-31 हेलिकॉप्टर के 2 स्क्वाड्रन, एयरक्राफ्ट कैरियर पर 64 बराक मिसाइल तैनात रहती हैं. इसके अलावा क्लास विध्वंसक युद्धपोत भी पाकिस्तान के करीब भेजे गए थे. इनमें 32 बराक-8 मिसाइल, 16 ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती रहती है. साथ ही पाकिस्तान के करीब भारत का INS तलवार युद्धपोत भी तैनात था.
नौसेना के बयान में कहा गया है, ‘पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारतीय नौसेना के कैरियर बैटल ग्रुप, सतही बलों, पनडुब्बियों के साथ समुद्र में तैनात किया गया था. हमारे पास कराची पर हमला करने की क्षमता है. भारतीय नौसेना समुद्र और ज़मीन पर हमला करने की क्षमता के साथ तैनात है, जिसमें कराची भी शामिल है, और यह हमारी पसंद के समय और स्थान पर हमला कर सकता है.’
1971 में कराची नौसेना हेडक्वार्टर पर हमलाभारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर, 1971 को कराची के नौसेना हेडक्वार्टर पर हमला किया था. इस युद्ध में पहली बार एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था. नौसेना ने पाकिस्तान के तीन जहाज नष्ट कर दिए थे. एम्यूनिशन सप्लाई शिप समेत कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे. इस दौरान पाक के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए. कराची के तेल डिपो में आग को सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका. पाकिस्तान को शायद इतिहास का ये सबक याद था.
पाकिस्तान की एक गुस्ताखी से समंदर से ब्रह्मोस मिसाइल की बरसात हो सकती थी . युद्धपोत से दागी जाने वाली ब्रह्मोस को रोक पाना पाकिस्तान के लिए मुमकिन नहीं था. एक एक ब्रह्मोस पाकिस्तान के लिए काल साबित होने वाली थी और पाकिस्तान का बंदरगाह और तेल डिपो दोनों तबाह हो जाता. हालांकि नेवी के हमले की नौबत नहीं आई. पाकिस्तानी सेना ने पहले ही भारत के सामने घुटने टेक दिए और सीजफायर की गुहार लगाने लगे.
You may also like
भारत पाकिस्तान संघर्ष: 'आप ट्रंप को जगह देंगे तो वो फैलेंगे'
CBSE 12वीं Result 2025: राजस्थान की बेटी ने 499 अंक के साथ देशभर में किया नाम रोशन, बताया भविष्य का सपना
Ekdanta Sankashti Chaturthi 2025: जानिए क्यों मनाई जाती है एकदंता संकष्टी चतुर्थी, क्या है इस परंपरा का महत्व?
साल ख़त्म होने से पहले इन 4 राशि के लोगो की लग जाएगी लॉटरी
Health Tips: सेहत के लिए कई प्रकार से लाभकारी होता है ज्वार, सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे