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दिवाली पर घर जा रहे हैं? ट्रेन में भूलकर भी न करें ये 7 काम, मिठाई नहीं मिलेगी, खानी पड़ेगी जेल की रोटी

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दिवाली और छठ का मौसम आते ही लाखों लोग घर जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि दिवाली के मौसम में रेलवे स्टेशनों पर भीड़ बढ़ जाती है और ट्रेन टिकटों की मांग आसमान छू जाती है।दिवाली पर लोग अक्सर पटाखे घर ले जाते हैं, लेकिन रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत इन्हें ट्रेन में ले जाना गंभीर अपराध है। गैस सिलेंडर, केमिकल या पेट्रोल-डीज़ल जैसी चीज़ें ले जाना भी प्रतिबंधित है। पकड़े जाने पर आपको तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।रेलवे अधिनियम की धारा 167 के तहत ट्रेन में धूम्रपान करना अपराध है। सिगरेट या बीड़ी पीने पर जुर्माना या कारावास हो सकता है। कई मामलों में तो यात्रियों को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया जाता है।बिना टिकट ट्रेन में चढ़ना या नकली टिकट खरीदना धारा 137 के तहत अपराध है। ऐसे मामलों में, यात्रियों से किराए का 10 गुना तक जुर्माना वसूला जा सकता है और उन्हें जेल भी हो सकती है। त्योहारों के मौसम में टिकट जाँच और भी सख्त हो जाती है।त्योहारों के दौरान, लोग अक्सर दूसरे यात्रियों की सीटों पर कब्ज़ा कर लेते हैं या ज़बरदस्ती उन पर कब्ज़ा कर लेते हैं। यह धारा 155 और 156 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे मामलों में रेलवे पुलिस (आरपीएफ) तुरंत कार्रवाई कर सकती है। इस घटना में शामिल लोगों को सीधे जेल भी जाना पड़ सकता है।रेलवे अधिनियम की धारा 145 के अनुसार, ट्रेन में अन्य यात्रियों को परेशान करने वाला कोई भी व्यवहार अपराध माना जाता है। इसमें मोबाइल पर तेज़ आवाज़ में बात करना, तेज़ आवाज़ में संगीत बजाना या अनावश्यक शोर मचाना शामिल है।धारा 145 के तहत, नशे में ट्रेन में चढ़ना, चिल्लाना या यात्रियों को परेशान करना भी अपराध है। ऐसा करने वाले व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है।बिना वजह ट्रेन की चेन खींचना धारा 141 के तहत अपराध माना जाता है। ऐसा करते पकड़े जाने पर एक साल तक की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। त्योहारों की भीड़ में अक्सर मजाक में यह गलती हो जाती है, लेकिन इसके लिए जेल की सजा भी हो सकती है।
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