भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। दोनों देश युद्ध के कगार पर खड़े हैं। हालांकि, सबसे बड़ा सवाल और असमंजस यह है कि क्या दोनों देशों के बीच युद्ध हो गया है? युद्ध की घोषणा कैसे की जाती है? जब भारत ने अपना पहला युद्ध लड़ा था, तो क्या किसी ने इसकी औपचारिक घोषणा की थी?
पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और उधमपुर सहित कई भारतीय सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का असफल प्रयास किया था, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। पाकिस्तान द्वारा हमले के प्रयास के बाद कई इलाकों में ब्लैकआउट लागू कर दिया गया और पूरी रात अराजकता फैली रही। ऐसे में यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया है? यदि युद्ध हो तो उसकी घोषणा कौन करेगा?
भारत में युद्ध की घोषणा कौन करता है?
भारत के संविधान में “युद्ध की घोषणा” के लिए कोई स्पष्ट या औपचारिक प्रावधान नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के लिए नियम हैं। यह शक्ति राष्ट्रपति के पास है, लेकिन वह केवल प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य करता है। संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल तब लगाया जा सकता है जब देश पर बाह्य आक्रमण हो या युद्ध की स्थिति हो। राष्ट्रपति यह घोषणा मंत्रिपरिषद की लिखित सिफारिश पर करते हैं।
युद्ध घोषणा प्रक्रिया
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल स्थिति का आकलन कर रहा है।
- इसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद तथा सैन्य एवं खुफिया एजेंसियां अपनी रिपोर्ट और सुझाव देती हैं।
- अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद द्वारा लिया जाता है।
- इसके बाद राष्ट्रपति उस निर्णय को औपचारिक रूप से लागू करते हैं, जैसे कि राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करना।
- यह निर्णय अनुमोदन के लिए लोक सभा और राज्य सभा दोनों के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
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