ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां भारत विरोध की गूंज आए दिन सुनाई देती है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ऐसे भारत विरोधी तत्वों पर कार्रवाई नहीं करती। नतीजे में बांग्लादेश में भारत विरोधी तत्वों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैं। अब बांग्लादेश के इन भारत विरोधी कट्टरपंथियों के साथ तुर्की के शामिल होने के भी सबूत सामने आ रहे हैं। बांग्लादेश के एक इस्लामी संगठन सल्तनत-ए-बांग्ला ने ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया है। इस नक्शे में म्यांमार के अराकान राज्य के साथ भारत के पूरे पूर्वोत्तर, ओडिशा, बिहार और झारखंड को बांग्लादेश में दिखाया गया है।
अखबार इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश के सल्तनत-ए-बांग्ला को तुर्की का एक एनजीओ समर्थन दे रहा है। पिछले दिनों बांग्लादेश के संगठन ने भारत विरोधी ये नक्शा ढाका के यूनिवर्सिटी हॉल में लगाया। यहां ढाका में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही युवा भी बड़ी तादाद में आते हैं। इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने बीते दिनों चीन के दौरे में विवादित बयान दिया था। यूनुस ने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य जमीन से घिरे हुए हैं और बांग्लादेश ही समुद्र का एकमात्र संरक्षक है। इससे पहले मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में शामिल बांग्लादेश के एक छात्र नेता ने भी एक ऐसा नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के तमाम हिस्से बांग्लादेश में शामिल दिखाए गए थे। उसके बाद उस छात्र नेता ने अंतरिम सरकार छोड़ दी थी।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद तुर्की की सरकार ने वहां अपनी सक्रियता बढ़ाई है। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयर एर्दोगन ने बांग्लादेश से सैन्य सहयोग भी बढ़ाया है। नतीजे में तुर्की ने अपने बायराक्टर ड्रोन टीबी2 बांग्लादेश को दिए हैं। इसके अलावा तुर्की से बांग्लादेश को अन्य हथियार भी दिए जा रहे हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एर्दोगन के अलावा पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की थी। शहबाज शरीफ से मोहम्मद यूनुस गले भी मिले थे। जबकि, पाकिस्तान की सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक अफसर भी बांग्लादेश गया था और बांग्लादेश की सेना के अफसरों ने पाकिस्तान का दौरा किया था।
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