आपातकाल की 50वीं बरसी पर वसुंधरा राजे का बड़ा सियासी संदेश
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे ने अपने विरोधियों को एक बार फिर कड़ा और स्पष्ट संदेश दिया है। यूपी के आगरा में आयोजित आपातकाल विरोधी कार्यक्रम में राजे ने कहा कि “बीजेपी ही मेरा घर है। यहां से सिर्फ मेरी अर्थी ही निकलेगी।” राजे ने यह बात उन तमाम कयासों को लेकर कही जो पिछले कुछ समय से उनके भाजपा से असंतोष और दूरी को लेकर लगाए जा रहे थे।
"मैं उसी राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी हूं जो इंदिरा गांधी से भी नहीं डरीं"कार्यक्रम में बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा:
“मैं उन्हीं राजमाता की बेटी हूं, जिन्होंने आपातकाल के समय इंदिरा गांधी के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। जब इंदिरा गांधी ने मेरी मां को धमकाया कि हमारे साथ आओ वरना जेल जाना पड़ेगा, तब उन्होंने साफ कहा कि वे न डरती हैं, न बिकती हैं।"
उन्होंने आगे कहा:
आपातकाल की भयावहता पर खुलकर बोलीं राजे“एक नहीं, अगर 100 इंदिरा गांधी भी आ जाएं, तब भी हमारी विचारधारा नहीं बदलेगी। मेरी मां की तरह मैं भी जनसंघ और भाजपा की विचारधारा पर अडिग हूं।”
राजे ने कांग्रेस और विशेष रूप से इंदिरा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनकी मां को तिहाड़ जेल भेजा गया और उनके सारे बैंक खाते सील कर दिए गए, तब भी उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया। राजे ने कहा:
राजनीतिक संकेत: कोई और पार्टी नहीं, भाजपा ही है मेरा ठिकाना"जेल में राजमाता को प्रताड़ित किया गया ताकि वे झुक जाएं, लेकिन उन्होंने जनसंघ के दीपक की लौ को कभी बुझने नहीं दिया। मैं उन्हीं के सिद्धांतों पर चलती हूं।"
वसुंधरा राजे के इस बयान को उनके राजनीतिक भविष्य और भाजपा में उनकी स्थिति को लेकर जारी अटकलों पर सीधा जवाब माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि:
आपातकाल सेनानियों को सम्मान देने पर सरकार की सराहना“जब भी मैं जाऊंगी, यहीं से मेरी अर्थी निकलेगी। भाजपा मेरा घर है, और मैं कहीं नहीं जाने वाली।”
राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस भूमिका को भी याद किया जिसमें उन्होंने आपातकाल के दौरान जेल में बंद लोकतंत्र रक्षकों की मदद की थी। उन्होंने कहा:
संदेश साफ: विचारधारा से न समझौता, न दूरी“भाजपा सरकार ने लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि योजना शुरू कर उन सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है जो आपातकाल में जेल गए थे।”
वसुंधरा राजे का यह बयान न सिर्फ उनके विरोधियों के लिए जवाब है, बल्कि यह उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता, विचारधारा और परिवार की विरासत को भी दर्शाता है। इस कार्यक्रम में उमड़ी भीड़ ने यह भी साफ किया कि राजस्थान ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में उनका प्रभाव आज भी बरकरार है।
वसुंधरा का ऐलान- “मैं न झुकी हूं, न झुकूंगी”राजे ने जहां एक ओर अपने भाजपा से जुड़े रहने का दमदार दावा किया, वहीं दूसरी ओर इंदिरा गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनका जीवन सिर्फ राजनीतिक कुर्सियों के लिए नहीं, बल्कि विचारधारा और मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित है।
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