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भगवान ने बुढ़ापे में तीसरी लाठी छीन ली, शहीद जवान के पिता बोले- गर्व है कि बेटा देश के काम आया

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बिहार के नालंदा जिले के उतराथु गांव में शोक की लहर है। गांव के वीर सपूत सिकंदर राउत बिंद बुधवार को जम्मू-कश्मीर में देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हो गए। जैसे ही यह दुखद समाचार गांव में पहुंचा, सभी के चेहरे उदास हो गए। लेकिन सबसे बड़ा दुख यह था कि बुजुर्ग पिता प्रताप राउत बिंद को यह बताने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया कि उनका लाडला बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। जब यह दुखद समाचार प्रताप राउत को दिया गया तो उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन अपने बेटे के बलिदान पर गर्व उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा, "बुढ़ापे में मेरी तीसरी छड़ी भी टूट गई।" मुझे संतोष है कि वह लाठी भारत माता के काम आई। मेरा बेटा देश के लिए शहीद हो गया, इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या हो सकती है?

अलेक्जेंडर परिवार में दो भाइयों में सबसे छोटा है।
सिकंदर परिवार में दो भाइयों में सबसे छोटा था और उसके परिवार में दो छोटे बेटे हैं। आज गांव के हर कोने में एक ही चर्चा है - सिकंदर की बहादुरी और देशभक्ति। लोग कह रहे हैं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और वे सदैव भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। परिवार के सदस्य सिकंदर का शव लेने के लिए रवाना हो गए हैं। उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सिकंदर की पहली पोस्टिंग रांची में हुई थी।
सिकंदर की पहली पोस्टिंग रांची (झारखंड) में थी, लेकिन हाल ही में सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण उन्हें जम्मू-कश्मीर में अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया गया। वहीं पर उनकी शहादत हुई। ग्रामीणों ने बताया कि सिकंदर बचपन से ही बहुत साहसी और देशभक्त था। उनका सपना सेना में शामिल होकर अपने देश की सेवा करना था। उन्होंने न केवल अपना सपना पूरा किया बल्कि अपने बलिदान से पूरे गांव और नालंदा जिले का गौरव भी बढ़ाया।

रामबाबू सिंह और मोहम्मद इम्तियाज भी शहीद हो गए।
इससे पहले पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे। उनकी शहादत की खबर मिलते ही छपरा जिले के उनके पैतृक गांव नारायणपुर में शोक की लहर फैल गई। उनके बाद दूसरे शहीद जवान रामबाबू सिंह सीवान के बड़हरिया प्रखंड के वासिलपुर गांव के निवासी थे। पिछले सोमवार को पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में वह शहीद हो गए थे। बिहार सरकार शहीद जवान रामबाबू सिंह और मोहम्मद इम्तियाज के परिजनों को 50-50 लाख रुपये देगी।

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