शहर में अस्वीकृत मीटरों को स्वीकृत करने के विवादास्पद मामले की जांच साइबर सेल ने शुरू कर दी है। मामले में अधिशासी अभियंता (परीक्षण खंड) से जानकारी ली गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक्सईएन की आईडी का पासवर्ड बदलने से पहले विभागीय मेल पर सूचना जाती है, लेकिन पासवर्ड बिना किसी रिपोर्ट दर्ज किए ही बदल दिया गया, जिससे जांच टीम हैरान है।
साइबर सेल के अधिकारी इस गड़बड़ी की पूरी तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि पासवर्ड बदलने और मीटर स्वीकृत करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया। अधिकारियों का मानना है कि तकनीकी गड़बड़ी और प्रशासनिक अनियमितता के कारण अस्वीकृत मीटरों को स्वीकृत किया गया।
जांच का दायरा बढ़ते हुए अब आईपी एड्रेस का पता लगाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होने की उम्मीद है कि पासवर्ड बदलने और मीटर स्वीकृति में कौन-कौन शामिल था और प्रक्रिया में किस स्तर पर अनियमितता हुई।
विद्युत विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सभी तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं की समीक्षा की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसी किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि मीटर स्वीकृति और पासवर्ड प्रबंधन जैसी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है। इससे न केवल विभागीय और तकनीकी स्तर पर गड़बड़ियों को रोका जा सकता है, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
You may also like
हरदाः सड़क पर रखा मटेरियल बना सर दर्द
Asia Cup 2025 Prize Money: पाकिस्तान को हराने का इनाम 21 करोड़ रुपये... एशिया कप जीत के बाद BCCI ने किया खिलाड़ियों को मालामाल
शिवपुरीः सेवा भारती के सहरिया बनवासी बालक छात्रावास में कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रशिक्षण केंद्र का हुआ शुभारंभ
शिवपुरीः स्वास्थ्य शिविर में 600 से अधिक मरीजों का हुआ परीक्षण, रक्तदान शिविर का भी आयोजन
उज्जैन में 121 स्थलों पर 25 हजार से अधिक कन्याओं का पूजन 'गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज