केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में सीजीपीएससी के तत्कालीन सचिव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, सचिव के पुत्र (डिप्टी कलेक्टर), तत्कालीन अध्यक्ष के भाई की पुत्रवधू (डिप्टी कलेक्टर) और एक अन्य पुत्रवधू (जिला आबकारी अधिकारी) शामिल हैं।
ये लोग हुए गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में 2020 से 2022 के बीच आयोजित लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं का मामला सीबीआई ने राज्य सरकार की अधिसूचना के आधार पर 9 जुलाई 2024 को दर्ज किया था। जांच के बाद सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, पूर्व आईएएस जीवनलाल ध्रुव, पीएसी सचिव, उनके पुत्र सुमित ध्रुव, मीशा कोसले और दीपा आदिल को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने उन्हें विशेष अदालत में पेश किया। इसके अलावा, सीबीआई मामले में अन्य संदिग्ध उम्मीदवारों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
अपने रिश्तेदारों का चयन करवाने का आरोप
इससे पहले भी, सीबीआई इस मामले में सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष, परीक्षा उप नियंत्रक, चार चयनित अभ्यर्थियों और एक निजी व्यक्ति को गिरफ्तार कर चुकी है, जो अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारियों ने 2020 से 2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में गड़बड़ी की और अपने रिश्तेदारों का चयन करवाया। बताया गया है कि 2021 की परीक्षा में कुल 1,29,206 अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से 2,548 ने प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की और 509 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा से साक्षात्कार में सफल हुए। बाद में 170 अभ्यर्थियों का चयन हुआ।
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