सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस पर्व को लेकर भोले की नगरी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शिव भक्तों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सावन की तीन टिकट वाली आरती एक माह के लिए अभी से बुक हो चुकी है। दुनिया में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं वाला धार्मिक स्थल होने के कारण सावन में मंदिर प्रशासन ने स्पर्श, वीआईपी और विशेष दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
सावन में वीआईपी दर्शन पर रोक- विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि इसके अलावा सभी तरह के वीआईपी दर्शन, विशेष दर्शन और स्पर्श दर्शन पर भी रोक लगा दी गई है। यह रोक पूरे सावन माह रहेगी, ताकि आम श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि सावन के सोमवार को सुगम दर्शन पूरी तरह से बंद रहेगा। इसके अलावा भीड़ को देखते हुए सुगम दर्शन पर निर्णय लिया जाएगा। इसके अलावा सावन के महीने में मंदिर में लॉकर की सुविधा भी बंद रहेगी।
बाबा विश्वनाथ की आरती के टिकट फुल - आरती के टिकट बुकिंग फुल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ में पूरी दुनिया के किसी भी धार्मिक स्थल से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। तीन आरतियों के लिए टिकट उपलब्ध हैं और बुकिंग आरती से एक महीने पहले होती है और बुकिंग खुलते ही आधे घंटे में फुल हो जाती है। इसी तरह सावन के महीने में 7 अगस्त तक की आरती के लिए टिकट बुक हैं।
ये हैं खास इंतजाम - विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि मंदिर की एसओपी के अनुसार भारी भीड़ को देखते हुए ये इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत एंड टू एंड बैरिकेडिंग, जर्मन हैंगर, मिस्ट फैन, गुड़-पानी, ग्लूकोज, ओआरएस, माइक्रो रिफ्रेशमेंट और बच्चों के लिए चॉकलेट-टॉफी की व्यवस्था की गई है। प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र पर काम - उन्होंने बताया कि इसी सिलसिले में न्यास परिषद ने दिसंबर 2024 में पूरे क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्लास्टिक की प्लेट और कटोरी लाने वाले श्रद्धालुओं से भी अनुरोध है कि वे इन वस्तुओं को धाम में न लाएं। 10 अगस्त को इन प्लास्टिक सामग्रियों पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ के अभिषेक और पूजन का विशेष महत्व है। जिसके लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु बाबा के दरबार में आते हैं। जिनका मानना है कि सावन में बाबा की पूजा करना बहुत लाभकारी होता है।
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