उत्तराखंड में हो रही भीषण बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालु सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिए गए हैं। प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ये फैसला लिया है। वहीं, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के लिए मौसम विभाग ने बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।
अलकनंदा नदी में बढ़ा जलस्तरबारिश के कारण रुद्रप्रयाग और उसके आस-पास के क्षेत्रों में अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। हालांकि अभी तक नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
बद्रीनाथ हाईवे भी बंदबद्रीनाथ धाम जाने वाला प्रमुख मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। लैंडस्लाइड के कारण सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और पत्थर आ गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। एनएच विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और रास्ता साफ करने का कार्य जारी है।
गौरीकुंड में मलबा हटाने का काम जारीकेदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड में भी भारी बारिश के कारण मलबा जमा हो गया है। यहां JCB और मजदूरों की मदद से मलबा हटाने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द यात्रा दोबारा शुरू की जा सके। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही रास्ते को साफ कर यात्रा को बहाल किया जाएगा।
बारिश से यात्रियों को हो रही भारी परेशानीबीते दिनों भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग क्षेत्र में भूस्खलन हुआ था, जिसमें केदारनाथ से लौट रहे 40 से अधिक श्रद्धालु फंस गए थे। राहत की बात ये रही कि एसडीआरएफ की टीम ने सभी यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। इसके अलावा, राज्य के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है।
कुछ दिन पहले बरकोट के पास बादल फटने की घटना भी सामने आई थी, जिसने स्थानीय निवासियों और प्रशासन को सतर्क कर दिया है।
चार जिलों में भूस्खलन का अलर्टमौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 7 और 8 जुलाई को टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में भूस्खलन की प्रबल संभावना है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यात्रा स्थगित करें और पहाड़ी इलाकों में जाने से बचें।
क्या है केदारनाथ यात्रा?केदारनाथ यात्रा हिंदू धर्म की एक पवित्र तीर्थयात्रा है, जो उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर तक जाती है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और चारधाम यात्रा (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) का हिस्सा है। समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के दर्शन करने आते हैं।
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