भारत के लिए पैरा-बैडमिंटन की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। युगांडा में आयोजित पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत के चंद्रप्रकाश को पुरुष एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें पेरू के प्रतिभावान खिलाड़ी गर्सन जायर वर्गास लोसौनौल ने हराया। इस हार के साथ ही भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
फाइनल मुकाबला रोमांचक रहा, लेकिन पेरू के खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चंद्रप्रकाश को निर्णायक सेट में पीछे छोड़ दिया। चंद्रप्रकाश ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाया और फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन खिताबी मुकाबले में जीत से चूक गए।
इससे पहले भारत ने डबल्स वर्ग में कांस्य पदक जीतकर टूर्नामेंट में अपने लिए एक पदक पहले ही सुनिश्चित कर लिया था। इस तरह भारत ने युगांडा चैंपियनशिप में कुल दो पदक – एक रजत और एक कांस्य अपने नाम किए।
भारतीय पैरा-बैडमिंटन संघ ने चंद्रप्रकाश के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि
"चंद्रप्रकाश ने कठिन प्रतिस्पर्धा के बीच अपने खेल का उच्च स्तर बनाए रखा और देश के लिए पदक सुनिश्चित किया। यह हमारे खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है।"
इस चैंपियनशिप में दुनिया भर से पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी शामिल हुए, जिसमें भारतीय दल ने एक बार फिर अपने मजबूत प्रदर्शन का परिचय दिया। युगांडा जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारतीय खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन देश के पैरा-खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को और मजबूती प्रदान करेगा।
भविष्य की उम्मीदें:
भारतीय पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी अब आगामी एशियन पैरा गेम्स और पैरा ओलंपिक क्वालिफायर्स की तैयारी में जुटेंगे। उम्मीद की जा रही है कि चंद्रप्रकाश और उनकी टीम आने वाले टूर्नामेंट में और भी बेहतर प्रदर्शन कर भारत को स्वर्ण पदक दिलाएंगे।
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