भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जेएस खेहर एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव वाले विधेयकों की जांच कर रही संसदीय समिति के समक्ष पेश होंगे। संविधान (129वां (संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024) पर संयुक्त समिति की बैठक 11 जुलाई को होनी है। इस दिन समिति के सदस्य दो सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों से विचार-विमर्श करेंगे।
उनके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य ईएम सुदर्शन नचियप्पन और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम. वीरप्पा मोइली भी विचार-विमर्श के लिए समिति के समक्ष पेश होंगे। दो विधेयकों की जांच कर रही समिति नचियप्पन कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 39 सदस्यीय समिति एक साथ चुनाव कराने के दो विधेयकों की जांच कर रही है, जिसमें संविधान में संशोधन करने वाला विधेयक भी शामिल है। भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति का कार्यकाल संसद के मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते के पहले दिन तक बढ़ा दिया गया है।
पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस विधेयक को समिति के पास भेजा गया था। सरकार ने दावा किया है कि एक साथ चुनाव कराने से विकास को बढ़ावा मिलेगा और सरकारी खर्च में कमी आएगी क्योंकि बार-बार चुनाव कराने से विकास बाधित होता है। विपक्षी दलों ने इस विचार की निंदा करते हुए इसे 'असंवैधानिक' और संघवाद विरोधी बताया।
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