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धनतेरस पर्व शनिवार को, मनेगा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग में

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छ: दिवसीय दीप पर्व की होगी शुरूआत * 21 नवंबर को पितृ कार्य की अमावस्या

उज्जैन, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Saturday को धन तेरस है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष पांच दिवसीय न होकर छ: दिवसीय दीप पर्व मनाया जा रहा है. मंगलवार को पितृ कार्य की अमावस्या होने से तिथि एक दिन आगे बढ़ गई है. इसके चलते दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी पूजन 20 नवंबर को होगा लेकिन गोवर्धन पूजन 22 नवंबर को और भाई दूज पर्व 23 नवंबर को मनाया जाएगा.

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय,उज्जैन के ज्योतिष विभाग के डॉ.सर्वेश्वर शर्मा के अनुसार इस वर्ष दीपावली महोत्सव 18 से 23 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. 18 अक्टूबर को धन तेरस, 19 को रूप चतुर्दशी तथा 20 नवंबर को दीपावली पर्व मनाया जाएगा. उन्होने बताया कि 21 नवंबर को पितृ कार्य की अमावस्या होने से 22 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 23 नवंबर को भाई दूज पर्व मनाया जाएगा.

इधर ज्योतिषाचार्य पं.चंदन व्यास के अनुसार त्रयोदशी तिथि Saturday को दोपहर 12.20 के बाद प्रारंभ होगी. पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग इस दिन को खास बना रहा है. पौराणिक मान्यता है कि समुद्र मंथन से अमृत की प्राप्ति हुई थी. भगवान धन्वंतरि समुद्र से अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. वह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी, इसलिए धनतेरस या धनत्रयोदशी के दिन धन्वंतरि देव के पूजन करने का भी विधान है. इस दिन सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति हेतु मां लक्ष्मी की पूजा के साथ कुबेर, यमराज और भगवान गणेशजी की पूजा करने का विधान है. धनतेरस के दिन खरीदारी करना शुभ होता है. सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. अपनी सामर्थ अनुसार वस्तुओं को क्रय करना चाहिए. इस दिन सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन और कुबेर यंत्र गोमती चक्र देव प्रतिमा खरीदना शुभ होता है. इसके अलावा झाडू खरीदना भी शुभ होता है.

महाकाल मंदिर में आज होगा प्रदोष पूजन

इस वर्ष दीप पर्व की शुरूआत शनि प्रदोष के शुभ संयोग में हो रही है. पुजारी दिलीप गुरू ने बताया कि Saturday को धन तेरस पर्व है वहीं शनि प्रदोष भी है. Saturday प्रात: मंदिर के पण्डे-पुरोहित भगवान महाकाल का पूजन-अभिषेक करेंगे. अपरांह 4 बजे से गर्भगृह में रूद्र पाठ किया जाएगा. पश्चात बाबा का पूजन अभिषेक होगा और संध्याकाल में नैवेद्य अर्पित किया जाएगा. इसके बाद संध्या आरती होगी.

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डॉ.सर्वेश्वर शर्मा के अनुसार पूजा मुहूर्त इस प्रकार रहेंगे-

्रधन तेरस : 18 नवंबर,Saturday

पूजन का शुभ समय-

* दोपहर 1.38 से शाम 4.21 बजे तक.

* सायं 6 से 7.31 बजे तक.

* रात्रि 9 से 12.10 बजे तक.

रूप चतुर्दशी: 19 नवंबर, sunday

पितरो के निमित्त दीपदान-

सायं 6 से रात्रि 10.30 बजे तक.

दीपावली पर्व: 20 नवंबर,Monday

महालक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त

* प्रात: 6.30 से 8 बजे तक.

* अपरांह 3 से सायं 6 बजे तक.

* रात्रि 10.38 से 12.12 बजे तक.

स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का समय

* स्थिर वृश्चिक लग्न प्रात: 8.40 से 10.45 बजे तक.

* स्थिर कुम्भ लग्न मध्यान्ह 2.45 से सांय 4.15 बजे तक.

* स्थिर बृषभ लग्न सायं 7.30 से रात्रि 9.20 बजे तक.

विशेष : 21 अक्टूबर,मंगलवार को पितृकार्य अमावस्या.

गोवर्धन पूजन-अन्नकूट उत्सव : 22 अक्टूबर,बुधवार

शुभ समय सायं 4.30 से रात्रि 10.30 बजे तक.

भाई दूज-यम द्वितीया: 23 अक्टूबर,गुरूवार

बहनों द्वारा भाईयों को तिलक का शुभ समय

दोपहर 12.10 से अपरांह 3 बजे तक.

सायं 4.30 से रात्रि 9 बजे तक.

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(Udaipur Kiran) / ललित ज्‍वेल

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