गोरखपुर, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . महिला अपराधों पर अंकुश लगाने और समाज में बहु-बेटी के संबंध को मजबूत बनाने के उद्देश्य से गोरखपुर जोन में एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है. अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) गोरखपुर जोन मुथा अशोक जैन के निर्देश पर अब हर थाने के एक-एक गांव में प्रत्येक sunday को “बहु-बेटी संबंध” कैम्प आयोजित किया जाएगा. इस अभियान का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर, जागरूक और सुरक्षित बनाना है, ताकि समाज में उनके प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को बल मिले.
एडीजी मुथा अशोक जैन ने बताया कि इस विशेष कैम्प का उद्देश्य गांव-गांव में महिलाओं के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को सुनना और तत्काल समाधान करना है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक sunday को होने वाले इन कैम्पों में केवल महिला अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहेंगी — कोई भी पुरुष अधिकारी शामिल नहीं होगा. इससे महिलाओं को खुलकर अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा और वे बिना किसी झिझक के अपनी समस्याएं बता सकेंगी.
कैम्पों में पुलिस के साथ आंगनवाड़ी कार्यकत्री, आशा बहुएं और महिला स्वयंसेवी संस्थाएं भी भाग लेंगी. इनके सहयोग से महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, हेल्पलाइन नंबरों (1090, 181, 112) और आत्मरक्षा के तरीकों की जानकारी दी जाएगी. साथ ही यह भी बताया जाएगा कि दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा या अन्य किसी अपराध की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें.
एडीजी ने कहा कि “महिला अपराधों की रोकथाम के लिए जरूरी है कि महिलाएं खुद को कमजोर न समझें. बहु-बेटी संबंध कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर और निडर बनाना है.” उन्होंने बताया कि यदि किसी महिला या बेटी को किसी समस्या के समाधान की आवश्यकता है, तो वह कैम्प में पुलिस से सीधे बात कर सकती है. उनकी शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि जोन के सभी जिलों में यह अभियान एक सामाजिक आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा, ताकि गांव-गांव में “पुलिस-जन सहयोग” और “विश्वास” की भावना मजबूत हो. महिला सशक्तिकरण के इस अभियान से दहेज हत्या, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और उत्पीड़न जैसे अपराधों में निश्चित रूप से कमी आएगी.
एडीजी मुथा अशोक जैन ने कहा — “जब बहुएं और बेटियां सुरक्षित होंगी, तभी घर और समाज मजबूत होगा. पुलिस का उद्देश्य केवल अपराध नियंत्रण नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और सुरक्षा का वातावरण बनाना भी है.”
यह पहल न केवल महिला सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है, बल्कि यह गोरखपुर जोन पुलिस की संवेदनशील और जनसहभागिता पर आधारित कार्यशैली का भी प्रमाण है.
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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