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राज्यपाल ने कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना कर 'विकसित भारत' के लिए की प्रार्थना

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गुवाहाटी, 26 जून (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने पत्नी के साथ गुरुवार की सुबह अंबुबासी महायोग की निवृत्ति के अवसर पर कामाख्या मंदिर में पूजा-अर्चना की। अंबुबासी मेले के समापन के बाद पवित्र मंदिर को आज सुबह पूजा-पाठ के बाद आम लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है। अंबुबासी महायोग के चलते मंदिर के कपाट 22 जून से बंद थे।

राज्यपाल गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ियों पर स्थित ऐतिहासिक मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं के साथ शामिल हुए, जहां निवृति नामक वार्षिक अनुष्ठान के बाद पहली बार दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ पड़ा।

मौके पर मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि मैंने विकसित भारत के निर्माण और भारत के विकास को आगे बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मिशन में उनकी शक्ति के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन सुनिश्चित करने के लिए मंदिर में व्यवस्थाएं अच्छी तरह से व्यवस्थित की गई हैं।

पूर्वी भारत में आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक अंबुबासी मेला, देवी कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म चक्र का प्रतीक है, जिन्हें शक्ति (दिव्य स्त्री ऊर्जा) के शक्तिशाली अवतार के रूप में जाना जाता है। 22 जून को प्रवृति अनुष्ठानों के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे और आज 26 जून को भक्तों के लिए पूजा के बाद फिर से खोल दिए गए।

हर साल आयोजित होने वाला यह चार दिवसीय उत्सव पूरे भारत और विदेशों से लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। तांत्रिक प्रथाओं के केंद्र के रूप में पहचाना जाने वाला कामाख्या मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से सबसे पुराने और सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। इस साल का अंबुबासी मेला रविवार को पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ शुरू हुआ और आस्था, रहस्यवाद और सांस्कृतिक जीवंतता के एक और संगम को चिह्नित किया। मंदिर परिसर आध्यात्मिक उत्साह से गुलजार है।

(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय

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