हरदा, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिले की सभी 52 सेवा सहकारी समितियों में व्यापक भ्रष्टाचार कर जहां शासन को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया है वहीं दूसरी ओर किसानों के हक हित की राशि का दुरुपयोग किया गया। किसानों की समस्याओं के समाधान में जो राशि लगनी चाहिए उसे ब्याज और ऐसो आराम में खर्च किया गया है। गंगाराम गुर्जर विधायक प्रतिनिधि कृषि उपज मंडी टिमरनी जिला कांग्रेस कमेटी हरदा द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित नर्मदापुरम, जिला कलेक्टर सहित आयुक्त सहकारिता मंत्री को पत्र लिखकर सारे मामले की बिंदुबार जांच करा कर मय ब्याज सहित गबन की गई राशि वसूल करने की मांग की। इस मुद्दे को (Udaipur Kiran) ने अपने पिछले अंक 6 जूलाई 2025 रविवार में प्रमुखता से उठाया, जिसको संज्ञान में लेते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी नर्मदापुरम ने 15 दिवस में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इससे जहां भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मचा हुआ है वहीं जांच का जिम्मा विभागीय अधिकारियों और भ्रष्टाचारियों को देने से जांच की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जा रहा है। विभागीय जांच की बजाय बाहर व दूसरे विभाग के अधिकारियों से जांच करवाई जाती तो निष्पक्षता से जांच होती और करोड़ों का चौंकाने वाला भ्रष्टाचार जग जाहिर हो जाता।
3 सदस्यीय जांच दल गठित –
52 समितियों में हुये करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच दल गठित किया गया है। सतीश चंद्र सिटोके प्रभारी नोडल अधिकारी नोडल शाखा हरदा जांच दल का प्रभारी बनाया गया है। राजेंद्र कुमार शर्मा प्रभारी शाखा प्रबंधक, शाखा मुख्य शाखा हरदा, ओम प्रकाश श्रीवास प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा, रहटगांव को जांच दल का सदस्य बनाया गया है। 52 समितियों में जो भ्रष्टाचार हुए हैं। उनमें कहीं ना कहीं जांच दल के अधिकारी कर्मचारी जवाब दे रहे हैं। इससे जांच, कार्यवाही, कितनी निष्पक्षता से होगी इसका अनुमान सहज तरीके से लगाया जा सकता है। विधायक प्रतिनिधि श्री गुर्जर का आरोप है कि जो भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेह थे उनको जांच का जिम्मा सोंपा गया है। इससे आने वाले समय में जो जांच रिपोर्ट आयेगी उसमें कहीं ना कहीं विभागीय भ्रष्टाचारियों को बचाने का पूरा प्रयास किया जायेगा।
जांच रिपोर्ट आने के बाद जायेंगे कोर्ट –
विधायक प्रतिनिधि गुर्जर ने बताया कि जांच दल की रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर निष्पक्षता से पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की जायेगी। 5 जुलाई 2025 को जांच दल गठित किया गया है। 15 दिन का समय बीतने वाला है। अभी तक जांच में कोई प्रगति नहीं दिख रही है।
समितियों के अभिलेखों की जांच की जाय –
गुर्जर ने आरोप लगाया कि समिति के अभिलेखों की जांच में पूर्ण कोताही बरती गई है। इस बार भी अभिलेखों की जांच में पारदर्शिता नहीं बरती गई तो निष्पक्ष जांच होना मुश्किल होगा। इस नाते सभी 52 समितियों के रिकॉर्ड और किसानों के कथन वस्तु स्थिति का भौतिक सत्यापन करके वास्तविकता का पता लगाया जायेगा, तब हकीकत पर से पर्दा उठ पायेगा। यह जिले के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है। जिसे दबाया जा रहा है। लंबे समय से मुद्दा उठाया जा रहा है। निष्पक्ष जांच के अभाव में भ्रष्टाचार दफन होने की स्थिति में है।
विधानसभा में उठेगा भ्रष्टाचार का मुद्दा –
जिले की 52 समितियां में करोड़ों का भ्रष्टाचार के मुद्दे को विधानसभा में उठाने की तैयारी हो गई है, तारांकित प्रश्न लगा दिया गया है। क्षेत्रीय टिमरनी विधायक अभिजीत शाह प्रश्न करके भ्रष्टाचार के मामले को प्रमुखता से उठाएंगे और जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग करेंगे।
(Udaipur Kiran) / Pramod Somani
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