मीरजापुर, 8 जुलाई (Udaipur Kiran) । स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूत और भारत माता के चरणों में प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद नरेश चंद्र श्रीवास्तव की जयंती के अवसर पर मंगलवार को नार घाट स्थित शहीद उद्यान में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रत्नेश श्रीवास्तव ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि शहीद नरेश चंद्र श्रीवास्तव का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हमें उनके बलिदान से सीख लेकर देश सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
जिलाध्यक्ष रत्नेश श्रीवास्तव ने कहा कि कायस्थ समाज को गर्व है कि ऐसा वीर क्रांतिकारी हमारे समाज से उत्पन्न हुआ। उनके आदर्शों को अपनाकर ही सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।
इस अवसर पर विजय श्रीवास्तव, कुलदीप श्रीवास्तव, गिरिजेश सिन्हा सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन महासभा के जिला महामंत्री सुजीत श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।
किशाेराव्यस्था में ही आजादी की लड़ाई में लिया था हिस्सा
अमर शहीद नरेश चंद्र श्रीवास्तव का जन्म साल 1924 में उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के खमरिया गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रामशंकर श्रीवास्तव और माता किशन देवी थीं। महज 16 वर्ष की किशाेराव्यस्था में ही नरेश चंद्र श्रीवास्तव ने आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लिया और अपने साथियों के साथ पहाड़ा रेलवे स्टेशन को आग लगा दी। इस दौरान वे स्वयं भी गंभीर रूप से झुलस गए और देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। उनकी शहादत आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है और उनकी जयंती पर हर वर्ष श्रद्धा और सम्मान के साथ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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