शिमला, 11 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला के चमियाणा स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज़ में सुरक्षा कर्मियों की बड़ी लापरवाही और गड़बड़ी सामने आई है। अस्पताल की सुरक्षा संभालने के बजाय कुछ सुरक्षा कर्मी मरीजों और उनके तीमारदारों को मास्क बेचकर पैसे ऐंठ रहे थे। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा गार्डों ने अस्पताल के रिसेप्शन काउंटर पर बिना किसी अधिकृत आदेश के मास्क बेचना शुरू कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि ये मास्क ओ.टी. मास्क (ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल होने वाले) हैं, जो ना तो ट्रिपल लेयर हैं और ना ही बाजार में बिकने के योग्य। इसके बावजूद मरीजों और तीमारदारों से प्रति मास्क 10 रुपए वसूले जा रहे थे। जबकि ऐसे मास्क अस्पताल को सिर्फ 80 पैसे से 1.15 रुपए प्रति मास्क में मिलते हैं।
जैसे ही इस घटना की वीडियो सामने आई, अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया। वरिष्ठ चिकित्साधीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा ने सुरक्षा सुपरवाइजर को पत्र जारी कर दो दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा गार्डों द्वारा इस तरह से मास्क बेचना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है बल्कि मरीजों और उनके परिजनों के साथ सीधा धोखा भी है।
सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि अस्पताल परिसर में हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, फिर भी किसी अधिकारी की नजर इस गतिविधि पर क्यों नहीं पड़ी? क्या इस गड़बड़ी में कुछ और लोग भी शामिल हैं? इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
वरिष्ठ चिकित्सा धीक्षक डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा, “मामला सामने आते ही तुरंत कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं। अस्पताल में इस तरह की हरकत कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
गौरतलब है कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है, खासकर कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए। लेकिन मास्क बेचकर सुरक्षा कर्मियों ने नियमों की आड़ में लोगों की जेब काटने का काम किया।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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