कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा सहित विश्वविद्यालय में शोक की लहर
वाराणसी,23 अगस्त (Udaipur Kiran) । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक के वर्तमान कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी एवं उनकी पत्नी बदामी देवी की सड़क हादसे में मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के दोहरीघाट के पास हुई दर्दनाक हादसे की जानकारी शनिवार को मिलते ही विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने हादसे पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी की सड़क दुर्घटना में आकस्मिक निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा दुःख हुआ है। उनकी आत्मा की शांति के लिए मैं बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना करता हूं।
प्रो. त्रिपाठी एक महान विद्वान और संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा नाम थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के चकिया ग्राम में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण विद्यालय में प्राप्त की और बाद में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री, आचार्य और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त कीं। उन्होंने 12 जून 2021 को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल चार जून 2023 को समाप्त हुआ।
पूर्व कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वे श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में सर्व दर्शन विभाग में वरिष्ठ आचार्य की हैसियत से छात्रों को पढ़ाया करते थे। उन्होंने 30 से अधिक ग्रंथों का संपादन और लेखन किया था। वे भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के मानित सदस्य और राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट के सदस्य भी रहे थे।
प्रो. त्रिपाठी की विरासत हमें संस्कृत शिक्षा के प्रति समर्पित रहने और इसके प्रचारों के लिए काम करने के लिए प्रेरित करती है। निकट भविष्य में उनके रिक्तता की भरपाई नहीं हो सकती।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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