जम्मू, 1 जून . दूरदराज़ क्षेत्रों में जनकल्याण को लेकर प्रतिबद्ध भारतीय सेना ने 31 मई 2025 को जय घाटी में एक विशेष चिकित्सा और पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया. यह पहल विशेष रूप से गुज्जर और बकरवाल समुदाय और उनके पशुधन की स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए की गई.
शिविर का उद्घाटन सेना के अधिकारियों ने किया और उन्होंने स्थानीय लोगों को भारतीय सेना के अविरल सहयोग और समर्पण का आश्वासन दिया. इस मौके पर एक संयुक्त चिकित्सा टीम तैनात की गई, जिसमें सेना के 1 मेडिकल ऑफिसर, 2 नर्सिंग असिस्टेंट, 2 बैटल फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट, उप-जिला अस्पताल डांडी की 1 महिला चिकित्सा अधिकारी और 1 फार्मासिस्ट, तथा सरकारी अस्पताल के 1 पशु चिकित्सा अधिकारी शामिल रहे.
प्रोजेक्ट सड्भावना के तहत आयोजित इस शिविर ने न केवल दर्जनों ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान लाई, बल्कि इंसान और पशु दोनों के स्वास्थ्य में सुधार कर सेना और आम जनता के बीच रिश्तों को और मजबूत किया. शिविर के दौरान 242 मरीजों और 768 पशुओं की जांच और उपचार किया गया. इसके लिए सभी जरूरी दवाइयां, चिकित्सा उपकरण और जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. शिविर की व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया ताकि अधिकतम संख्या में लोग इसका लाभ उठा सकें.
सेना के जवानों ने अभिभावकों को स्वास्थ्य, पोषण और बाल देखभाल से जुड़ी जानकारी भी दी, जिससे गुज्जर और बकरवाल समुदाय में चिकित्सा जागरूकता को बढ़ावा मिला. स्थानीय लोगों ने इस प्रयास के लिए सेना का आभार व्यक्त किया और दूरस्थ क्षेत्रों में इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशंसा की.
/ राहुल शर्मा
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